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    पालघर: महाराष्ट्र के आदिवासी बहुल पालघर जिले में नवजातों को लगने वाला नियमित टीका लगने के तीन दिन बाद, 16 महीने के एक बच्चे की मौत हो गई। इस संबंध में, एक चिकित्सा अधिकारी ने बुधवार को बताया कि शिशु की मौत के वास्तविक कारण की जांच की जा रही है। मोखाडा शहर में तैनात चिकित्सा अधिकारी भाऊसाहेब छत्तर ने कहा कि शिशु के विसरा को जांच के लिए जे जे अस्पताल भेजा गया है। उन्होंने कहा, “जे जे अस्पताल से रिपोर्ट 10 दिन बाद आएगी, जिसे देखने के बाद ही हम बच्चे की मौत का कारण बता पाएंगे।” 

    डॉ छत्तर ने कहा कि शिशु को डीपीटी, एमएमआर और (पीसीवी) बूस्टर टीके की खुराक नौ फरवरी को दी गई थी। उन्होंने कहा, “बच्चा बीमार हो गया और 12 फरवरी को उसकी मौत हो गई।” डॉक्टर ने कहा कि राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई है। चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि गांव के चार अन्य बच्चों को भी नौ फरवरी को, नियमित तौर पर दिया जाने वाला टीका दिया गया था लेकिन उन्हें कोई समस्या नहीं हुई।

     

    इस बीच मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि गलत तरीके से टीका लगाने के कारण शिशु की मौत हुई। सूत्रों ने बताया कि मृतक सर्वेश धोड़ी कोशमीसेठ गांव का निवासी था और उसे 10 फरवरी को सरकारी वशाला स्वास्थ्य केंद्र की एक नर्स द्वारा एमएमआर और ट्रिपल पोलियो बूस्टर खुराक दी गई थी। 

    सूत्रों के अनुसार, शिशु को 11 फरवरी को को बुखार आया और उसे गांव के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। तबियत बिगड़ने के बाद 12 फरवरी को उसे खोदला ग्रामीण अस्पताल में भर्ती किया गया जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत अवस्था में लाया गया घोषित कर दिया। मोखाडा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा कि दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है। (एजेंसी)