मृतदेह के लिए माता-पिता का विलाप, पुलिस कर्मियों की उपस्थित में मृतदेह गायब

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    अकोला. गांधीग्राम के दर्शन शुक्ल (18) अपने दोस्तों के साथ पूर्णा नदी से जल लाने गए थे, लेकिन अगले दिन बोरगांव वैराले में उनका शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिला. रात में शव के पास दो पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था. पुलिस ने कहा कि रात में नदी में बाढ़ आने के बाद शव बह गया. अब घटना के छह दिन बाद भी शव नहीं मिला है.

    मृतक दर्शन शुक्ला के माता-पिता अपने इकलौते बेटे का शव पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. सोमवार को स्थानीय विश्राम गृह में आयोजित पत्र परिषद में मृतक के माता, पिता ने उक्त जानकारी दी.

    उन्होंने बताया कि दर्शन शुक्ला के मवसेरे भाई मदन दुबे ने बताया कि दर्शन गांधीग्राम से दूसरे दिन सुबह वापस नहीं लौटा जिससे उसके माता, पिता परेशान है. इस संदर्भ में उन्होंने रामदासपेठ पुलिस थाने में शिकायत दी है. फिर 1 सितंबर को रात 8.30 बजे नदी के किनारे एक बेहद बदसूरत अवस्था में एक लाश मिली. पुलिस पाटिल ने उसकी एक तस्वीर भी भेजी थी.

    उसके हाथों में पहले कड़े और काली टी-शर्ट से उसकी पहचान हुई. तुम मृतदेह की देखभाल करो, उसका पंचनामा करो, हम सुबह मृतदेह कब्जे में लेंगे ऐसा बताया गया. लेकिन 2 सितंबर को मृतदेह कब्जे में लेने के लिए जाने पर मृतदेह नहीं मिला. पुलिस ने बताया कि मृतदेह नदी पात्र में फिर बह गया है. यह सुनकर दर्शन के परिजन सहम गए. फिलहाल संत गाडगे बाबा खोज एवं बचाव टीम तलाशी अभियान चला रही है.

    गृह मंत्री से मिलेंगे

    घटना को छह दिन बीत गए हैं. इसके बावजूद मृतदेह न मिलने से मृतक युवक के रिश्तेदारों ने जिलाधिकारी, जिला पुलिस अधीक्षक को निवेदन दिया है. इसके बावजूद जांच कार्य में कोई गति दिखाई न देने का आरोप पत्र परिषद में किया है. रात भर मृतदेह पर नजर रखने की जिम्मेदारी सौंपे गए पुलिस  कर्मियों को निलंबित करने की मांग की गयी है. यदि जिला प्रशासन शीघ्र कार्रवाई नहीं करता है तो गृह मंत्री तथा मुख्यमंत्री से भेंट लेने का विचार मृतक के परिजनों ने प्रकट किया है.