औरंगाबाद : राज्य में नई सरकार आगे बढ़ रही है और नियमित रूप से निवेशकों (Investors) के साथ चर्चा करती है। राज्य में स्थिरता के कारण बड़ी संख्या में निवेशक आने को तैयार हैं। पिछले 6 महीने में प्रदेश में 90 हजार करोड़ के निवेश समझौते हुए हैं। अरीक (Arik) और जालना-औरंगाबाद (Jalna-Aurangabad) महाराष्ट्र में उद्योगों का भविष्य हैं और राज्य सरकार (State Government) यहां की समस्याओं के समाधान के लिए कृतसंकल्प है। औरिक में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए 100 एकड़ भूमि आरक्षित की जाएगी। बिजली भी सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही राज्य सरकार अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर के निर्माण के लिए धन मुहैया कराएगी। यह घोषणा राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Deputy CM Devendra Fadnavis) ने यहां की।
मराठवाड़ा एसोसिएशन ऑफ स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (मसिआ) द्वारा 5 से 8 जनवरी तक शेंद्रा-ऑरिक सिटी में आयोजित ‘एडवांटेज महाराष्ट्र एक्सपो 2023’ फडणवीस की उपस्थिति में रविवार को संपन्न हुआ। मंच पर प्रमुख रुप से सहकारिता मंत्री अतुल सावे, विधायक संजय शिरसाट, नारायण कुचे, ऑरिक के एमडी सुरेश काकानी, मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रमुख वेंकटेश कुलकर्णी, शिरीष बोरालकर, राजेंद्र जंजाल, संजय केनेकर, राजू शिंदे, अनिल मकारिए, उद्यमी विवेक देशपांडे, मसिआ के अध्यक्ष किरण जगताप, संयोजक अभय हंचनाल, सचिव राहुल मोगले सहित अन्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
मसिआ की प्रदर्शनी की सराहना करते हुए फडणवीस ने कहा, वह दुनिया भर के एक्सपो में जाते रहे हैं। विश्व स्तरीय सामूहिक प्रदर्शनी के तर्ज पर ‘एडवांटेज महाराष्ट्र एक्सपो’ का आयोजन किया गया है। मराठवाड़ा के उद्यमि बहुत जिददी है। जब वे किसी मामले का पिछा करते है, जब तक उसे पूरा नहीं करते तब तक वे शांत नहीं बैठते। मैं जब राज्य का सीएम था, तब अलग-अलग देशों के एक्सपो का भेंट के दौरान मराठवाड़ा के उद्यमियों की संख्या सबसे अधिक रहती थी। मराठवाड़ा में नवीन पहलुओं का अध्ययन करके कैसे अधिक निवेश लाया जाए, इस ओर उद्यमियों का झुकाव रहता था। ऐसे दृढ़ उद्यमियों के कारण ही औरंगाबाद ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का एक इकोसिस्टम तैयार किया है।
उद्योगों का भविष्य औरिक
फडणवीस ने कहा जब समृद्धि हाइवे का काम चल रहा था, तब मैं बार-बार कहता था, महाराष्ट्र में उद्योग का भविष्य औरिक और औरंगाबाद-जालना है। यह अब सच होता दिख रहा है। अगले छह महीनों में मुंबई तक समृद्धि राजमार्ग तैयार होने पर मराठवाड़ा क्षेत्र को जेएनपीटी से सीधी कनेक्टिविटी मिल जाएगी। यह दुनिया द्वारा स्वीकार किया गया है कि बंदरगाहों से कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में तेजी से विकास हुआ है। उनका मानना है कि एक बार जब आपके पास यह कनेक्टिविटी हो जाती है, तो कोई भी आपके विकास को नहीं रोक सकता है।
यह अवसर का समय है
भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जल्द ही यह तीसरे नंबर पर होगी। वैश्विक मंदी के दौर में भी भारत की विकास दर 7-8 फीसदी है। इसकी वजह है कोरोना काल में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पेश किया गया 20 हजार करोड़ का आत्मनिर्भर भारत पैकेज। इससे एमएसएमई को बढ़ावा मिला। उधर, कोरोना के दौरान चीन ने दुनिया का भरोसा खो दिया है। इससे पहले दुनिया का 48 फीसदी उत्पादन चीन में होता था। हालाँकि, चीन के व्यवहार अपारदर्शी हैं। वहां बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा नहीं की जाती है। इससे दुनिया भर के बड़ी संख्या में उद्योग चीन से बाहर जा रहे हैं। इस निवेश को पचाने की ताकत अकेले भारत के पास है। इसमें एक बेहतरीन मौका है। फडणवीस ने कहा कि ऐसा मौका अगले 10-20 साल में मिलेंगा, ऐसा मुझे नहीं लगता।
…इसलिए एक्सपो महत्वपूर्ण है
सरकार का काम उद्योगों के लिए जरूरी इकोसिस्टम तैयार करना है। मसिआ जैसी संस्थाएं उस ईको सिस्टम को दुनिया के सामने दिखाकर निवेश लाने का काम करती हैं। बाहरी निवेशक जो देखते हैं उस पर विश्वास करते हैं। इस तरह के एक्सपोज के जरिए वे वास्तव में यहां की क्षमता देख सकते हैं। इस लिहाज से यह एक्सपो देश, प्रदेश और मराठवाड़ा के लिए काफी महत्वपूर्ण है। पिछले 30-40 वर्षों में इस क्षेत्र में जो क्षमता निर्मित हुई है, यदि उसे दुनिया को दिखाया जाए, तो निवेशक आकर्षित होंगे। चीन से भाग रहे उद्योगों को हम यहां ला सकते।
छह महीने में 90 हजार करोड़ का निवेश
फडणवीस ने महाविकास अघाड़ी सरकार का नाम लिए बगैर कहा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सरकार अच्छे फैसले ले रही है। नई सरकार हर दिन कम से कम एक निवेशक से बात कर रही है। आज के इवेंट में आने से पहले हमने एक बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी के साथ करार किया है। कंपनी की इस तकनीक से ईवी में काफी बदलाव आएगा। राज्य में बड़ी संख्या में निवेशक आ रहे हैं। उसका मुख्य कारण यानी राज्य में स्थिरता आई है। गत 5 साल में जब महाराष्ट्र और देश में बीजेपी की सरकार थी, तब गो इंडस्ट्र पॉलिसी थी। निवेशक उद्योग उन्मुख नीतियां और स्थिर सरकार चाहते हैं। हालांकि, पिछली सरकार ने 15 महीने में एक बार भी निवेश पर कैबिनेट समिति की बैठक नहीं की। हमारी सरकार ने 6 महीने में 2 बैठकें कर 90 हजार का निवेश किया है। अभी भी बहुत बड़ा निवेश आ रहा है। यह चिंता का कोई कारण नहीं है।
सस्ती बिजली मिलें
इससे पहले मसिआ के अध्यक्ष किरण जगताप ने कहा, पुणे की तरह, एमआईडीसी के बाहर औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार हो रहा है। ये लोग टैक्स देते हैं। हालांकि, एनए नहीं होने के कारण उन्हें सब्सिडी नहीं मिल रही है। उन्हें सड़क, बिजली, पानी उपलब्ध नहीं कराया जा सकता। उन्हें विशेष ध्यान देने की जरूरत है। प्रदेश में बिजली लीकेज का प्रमाण 35 फीसदी है। इससे बिजली महंगी हो जाती है। नए उद्योग आने पर वे इसके बारे में सोचते हैं। अगर लीकेज बंद कर दिया जाए तो बिजली सस्ती हो जाएगी और उद्योग आकर्षित होंगे। उन्होंने मांग की कि सरकार इस ओर ध्यान दे। एक्सपो के कनवेनर अभय हंचनाल ने प्रस्तावना की।