Tanaji Sawant
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पुणे: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) महाराष्ट्र (Maharashtra) में फिर से अपने पैर पसार रही है। भले ही इस बार इसकी तीव्रता कम है, लेकिन मरीजों (Corona Patients) के बढ़ते आंकड़ों ने सरकार और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी हैं। महामारी की रोकथाम के लिहाज से एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। इस कड़ी में कोरोना के प्रसार को रोकने के उपायों पर पुनर्गठित टास्क फोर्स (Covid Task Force) के सदस्यों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक हुई। इसमें पुणे, मुंबई, ठाणे समेत कोरोना के हाई रिस्क वाले महाराष्ट्र के 10 जिलों पर विशेष ध्यान देने के आदेश सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री प्रो. डॉ. तानाजी सावंत ने दिया है। 

पुणे स्थित स्वास्थ्य सेवा संचालनालय कार्यालय से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सावंत ने टास्क फोर्स के सदस्यों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद साधा, इसमें उन्होंने उपरोक्त आदेश दिए। बैठक में स्वास्थ्य निदेशक डॉ. नितीन अंबाडेकर, अतिरिक्त निदेशक तथा टास्क फोर्स के सदस्य सचिव डॉ. रघुनाथ भोये उपस्थित थे, जबकि टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. सुभाष सालुंके, सदस्य लेफ्टनंट जनरल माधुरी कानिटकर, डॉ. रमण गंगाखेडकर, डॉ. राजेश कार्यकर्ते, डॉ. हर्षद ठाकुर और सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के उपनिदेशक ऑनलाइन सहभागी हुए। 

कोविड की जांच की संख्या में करें इजाफा

डॉ. सावंत ने कहा कि कोविड-19 टेस्ट की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराई गई मॉक ड्रिल में पाई गई त्रुटियों का तत्काल निराकरण किया जाए। लोगों से मास्क का प्रयोग करने का आग्रह किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि मेले, मॉल, सिनेमाघर और बाजार जैसे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क अनिवार्य रूप से लगाने की अपील की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोविड टेस्ट के लिए प्रयोगशालाएं चालू हैं या नहीं, नियमित पर्यवेक्षण किया जाए, प्रयोगशालाओं की क्षमता बढ़ाने के आदेश भी डॉ. सावंत ने दिए।

15 मई से यह संक्रमण कम होने लगेगा

कोविड मरीजों के लिए मेटफॉर्मिन गोली के फायदेमंद है, लेकिन यह गोली प्रोटोकॉल में शामिल नहीं है, डॉ. गंगाखेडकर ने इस ओर बैठक का ध्यानाकर्षित किया। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यदि यह गोली मरीज को ठीक होने में मदद करती है, तो टास्क फोर्स के सदस्यों को अनुसंधान उपलब्ध कराया जाना चाहिए, ताकि इस संबंध में आगे की कार्रवाई की जा सकें। कोविड के मौजूदा वैरिएंट से संक्रमित होने के बाद मरीजों को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होती है। हालांकि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कोविड संक्रमित मरीजों के परिजनों को मास्क लगाना अनिवार्य किया जाए, ऐसा डॉ. राजेश कार्यकर्ते ने कहा। कोविड का वर्तमान संस्करण उच्च जोखिम वाला संक्रमण नहीं है, इसके लक्षण हल्के हैं। बैठक में सभी सदस्यों ने विश्वास जताया कि 15 मई से यह संक्रमण कम होने लगेगा।