गडचिरोली. पिछले कुछ माह से गडचिरोली जिले के ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र में विकासकार्य जोरों पर शुरू है. जिससे इन क्षेत्र के नागरिकों को सुविधा उपलब्ध होने की बात कही जा रही है. लेकिन दुसरी ओर विकासकार्यो में नक्सल आंदोलन बाधा बन रहा है. इसी बीच मंगलवार की रात बंदुकधारी नक्सलियों ने जिले की भामरागड तहसील अंतर्गत आनेवाले हिदुर-पोयरकोटी मार्ग के निर्माणकार्य पर तैनात एक जेसीबी और तीन ट्रैक्टर को आग लगा देने की घटना बुधवार को सुबह उजागर हुई है. इस घटना से भामरागड तहसील समेत संपूर्ण जिले में खलबली मच गयी है. वहीं इस घटना में संबंधित ठेकेदार का लाखों रूपयों का नुकसान होकर घटना परिसर में दहशत का वातवरण निर्माण हो गया है.
छग से जोडनेवाले मार्ग का शुरू था कार्य
बताया जा रहा है कि, भामरागड तहसील के हिदुर-पोयरकोटी मार्ग का निर्माणकार्य पिछले कुछ माह से शुरू था. विशेषत: यह मार्ग आगे छत्तीसगढ राज्य से जोडा जानेवाला है. मंगलवार को दिनभर सडक निर्माण का कार्य करने के बाद वाहन चालकों को हिदुर गांव समीपस्थ वाहनों को रोका था. रात के समय कुछ बंदुकधारी नक्सली मौके पर पहुंचे और डिजल से जेसीबी और तीन ट्रैक्टरों को आग लगा दी. नक्सलियों की इस करतूत से महाराष्ट्र-छत्तीसगढ इस आंतरराज्यीय मार्ग का कार्य प्रभावित हो गया है. वहीं नक्सलियों ने इस सडक निर्माण का विरोध किया है.
22 को भारत बंद का आहवान
नक्सलियों द्वारा हिदुर गांव के पास रखे तीन वाहनों को आग लगाने के बाद घटनास्थल पर पर्चे छोडे है. जिसमें नक्सलियों ने बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के प्रतिक्रांतीवादी हमले के विरोध में 22 दिसंबर को भारत बंद का आहवान किया है. लेकिन दुसरी ओर इस घटना से भामरागड तहसील के लोगों में दहशत का वातावरण निर्माण हो गया है.
घटना से निर्माणकार्य करनेवालों में भय
सरकार द्वारा जिले के ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र के गांवों को सडकों से जोडने के लिये बडे पैमाने पर निर्माणकार्य किये जा रहे है. वर्तमान स्थिति में जिले की विभिन्न तहसीलों में सडक निर्माण का कार्य शुरू है. लेकिन मंगलवार की रात नक्सलियों द्वारा भामरागड तहसील में सडक निर्माणकार्य पर तैनात तीन वाहनों को आग लगा देने के कारण अन्य क्षेत्र में निर्माणकार्य करनेवाले मजदूर और ठेकेदारों में दहशत का वातावरण निर्माण हो गया है.