
सिरोंचा. मेडीगट्टा प्रकल्प से सिरोंचा तहसील के अनेक गांवों के किसानों का भारी नुकसान हुआ है. अनेक गांवों की खेती पानी में डुबने के कारण किसानों के सामने जीवनयापन करने की समस्या निर्माण हो गयी है. वहीं अब तक नुकसानग्रस्त किसानों को मुआवजा नहीं मिलने के कारण नुकसानग्रस्त किसानों ने पिछले एक माह से सिरोंचा तहसील मुख्यालय में बेमियादी अनशन शुरू किया है. अब किसानों के आंदोलन को एक माह की कालावधि पूर्ण हो गयी है. लेकिन अब तक सरकार व प्रशासन द्वारा आंदोलनकर्ता किसानों की मांगों की ओर अनदेखी किए जाने से सोमवार को बाधित किसान नागपुर के विधानभवन पर मोर्चा निकालने के लिये सिरोंचा से नागपुर की ओर रवाना होंगे.
तीन वर्षो से प्रलंबित पड़ी है भुसंपादन की प्रक्रिया
मेडीगट्टा प्रकल्प के बैक वॉटर के चलते आरड़ा माल, मृगापुर, पेंटीपाका, तुमनुर, मृदुक्रिष्णापुर, जानमपल्ली, मद्दीकुंठा, चिंतलपल्ली, नगरम, रामक्रिष्णापुर, सिरोंचा रै. सिरोंचा माल, कासरपल्ली समेत अन्य गांवों की खेत जमीन डुब गयी. तीन वर्ष पहले संबंधित गांवों की खेती के भुसंपादन को मंजूरी मिली. लेकिन अब तीन वर्षो की कालावधि पूर्ण होने के बाद भी भुसंपादन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पायी है. वहीं दुसरी ओर प्रकल्प के बैक वॉटर के चलते संबंधित गांवों के नागरिकों पर भुखों मरने की नौबत आन पड़ी है.
इन मांगों का है समावेश
तहसील मुख्यालय में प्रकल्प बाधितों ने विभिन्न मांगों को लेकर बेमियादी अनशन शुरू किया है. जिनमें मेड़ीगट्टा-कालेश्वर सिंचाई प्रकल्प अंतर्गत मंजूर हुए खेत जमीन की तत्काल भुसंपादन करने, किसानों की खरीदी-बिक्री कर किसानों को 20 लाख रूपये मुआवजा देने, बार-बार छोड़े जानेवाले पानी के चलते खेत जमीन नदी में तब्दिल हो गयी है. उक्त जमीन का सर्वे कर भुसंपादन करने, पिडि़त किसानों को प्रकल्पग्रस्त घोषित कर प्रमाणपत्र देने, प्रकल्पबाधितों को सरकारी जगह उपलब्ध करा देने समेत विभिन्न मांगों का समावेश है.