
जलगांव: पिछले पंद्रह वर्षों से राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लगभग 67 हजार आशा स्वयंसेवक (Asha Workers) और लगभग 5 हजार ग्रुप प्रमोटर ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे हैं। उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस पृष्ठभूमि में आशा और गतप्रवर्त ने लंबित मांगों के समाधान के लिए बुधवार 18 अक्टूबर से सभी दैनिक गतिविधियों को बंद करके अनिश्चितकालीन हड़ताल (Indefinite Agitation) पर जाने का फैसला किया है। इस अनिश्चितकालीन हड़ताल (Strike) की सूचना देने के लिए मंगलवार को आशा स्वयंसेवकों और समूह प्रवर्तकों का एक विशाल मोर्चा जिला परिषद में होने जा रहा है।
आशा स्वयंसेवी, समूह प्रवर्तक अपनी लंबित मांगों को लेकर विभिन्न संघर्ष एवं आंदोलन चला रहे हैं। फिर भी सरकार ने आशा स्वयंसेवकों और समूह प्रवर्तकों की लंबित मांगों को लगातार नजरअंदाज किया है इसलिए उनमें असंतोष पैदा हो गया है।
- आशा स्वयंसेवकों एवं समूह प्रवर्तकों को सरकारी कर्मचारी के रूप में मान्यता देकर सेवा का लाभ लागू किया जाए।
- आशा स्वयंसेवकों के लिए 18 हजार एवं समूह प्रवर्तकों के लिए 25 हजार की योजना लागू की जाए।
- भैया दूज के लिए उपहार दिया जाए। सेवानिवृत्ति की उम्र तय की जाए और पेंशन लागू की जाए।
- ई-केवाईसी, आभा कार्ड व गोल्डन कार्ड जारी करने व ऑनलाइन कार्य के लिए दबाव न बनाया जाए।
- इनमें आशा को दिए जाने वाले पारिश्रमिक को 3 गुना करने और समूह प्रवर्तकों के यात्रा भत्ते को बढ़ाने जैसी मांगें शामिल हैं।
इस उद्देश्य से जिले में आशा सेविकाओं एवं ग्रुप प्रमोटर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष माया परमेश्वर, कार्यकारी अध्यक्ष रामकृष्ण बी. पाटिल के नेतृत्व में आज जिला परिषद पर मोर्चा निकाला जाएगा। मोर्चे में सुबह ग्यारह बजे तक जिले की आशा स्वयंसेविकाएं और समूह प्रवर्तक शामिल होंगी। सभी आशा सेविकाओं से श्यामाप्रसाद मुखर्जी उद्यान के सामने इकट्ठा होने की अपील कल्पना भोई, सुनंदा पाटिल, भागीरथी पाटिल, सुनंदा हडपे, संगीता पाटिल, आशा पोहेकर, उषा पाटिल, उज्ज्वला काले, भारती तायडे, माया बोरसे, रविशा मोरे, नम्रता पाटिल, हर्षा पाटिल प्रीति चौधरी, भारती चौधरी, सुनीता विनंते, करुणा कुमावत, भारती पाटिल आदि ने की है।