Madha Lok Sabha
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नवभारत डेस्क : महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटें हैं। 2004 के बाद लोकसभा चुनाव के बाद लोकसभा की सीटों के परिसीमन में कुछ सीटों का अस्तित्व खत्म हो गया और कुछ नई लोकसभा की सीटें अस्तित्व में आयीं। इनमें एक सीट सोलापुर जिले की पंढरपुर लोकसभा सीट भी शामिल थी, जिसको खत्म करके नयी लोकसभा सीट माढ़ा बनायी गयी। इस सीट पर कई दिग्गज नेताओं ने चुनाव लड़कर संसद में प्रवेश किया था। जिसमें मौजूदा नेताओं में शामिल रामदास अठावले और शरद पवार जैसे दिग्गज शामिल हैं।

आपको बता दें कि सोलापुर जिले की पंढरपुर लोकसभा सीट 1962 में अस्तित्व में आई और तब से लेकर 2004 तक की सीट पर केवल चार सांसद चुने गए। इस लोकसभा सीट पर 2004 से पहले कांग्रेस पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया में कांटे की टक्कर होती थी। लेकिन इस दौरान कांग्रेस पार्टी का पलड़ा हमेशा भारी रहा। 1962 से 2004 के बीच हुए कुल 12 लोकसभा के चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस पार्टी ने यह सीट 9 बार जीती, जबकि आरपीआई की उम्मीदवार को तीन बार सफलता मिली। इसके बाद दो बार एनसीपी व एक भाजपा ने बाजी मारी है।

ऐसी चली थी कांग्रेसी लहर

इस संसदीय सीट के बारे में कहा जाता है कि यह कांग्रेस की गढ़ हुआ करती थी। यहां से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार संदीपन थोराट ने 1977 में कांग्रेस के खिलाफ लहर के बावजूद जीत हासिल की और उसके बार लगातार 7 बार कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने जाते रहे। 1998 तक लगातार सात बार इस संसदीय सीट पर सांसद चुने जाने वाले संदीपन थोराट का पूरा नाम संदीपन भगवान थोराट था। वह 1977, 1980, 1984, 1989, 1991, 1996 और 1998 तक लगातार सात बार इस संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करते रहे। इसके अलावा रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया अठावले गुट के नेता रामदास अठावले ने इस सीट को 1999 में जीत लिया। इसके बाद 2004 में हुए लोकसभा के चुनाव में आठवले इस सीट को एक बार फिर से अपने पास रखने में कामयाब रहे।

2004 के बाद बदले सारे समीकरण

2004 के बाद इस लोकसभा सीट का नाम बदलकर माढ़ा लोकसभा सीट कर दिया गया, जिसमें क्षेत्र परिसीमन के बाद सोलापुर जिले की 4 विधानसभा सीटें और सतारा जिले की 2 विधानसभाओं को शामिल किया गया। नई लोकसभा का निर्माण 2008 में किया गया और 2009 के लोकसभा के बाद इस सीट के सारे समीकरण बदल गए। 2009 में पहली बार माढ़ा लोकसभा सीट का चुनाव हुआ तो यहां पर शरद पवार उम्मीदवार बनाकर उतरे और उन्होंने भारी मतों से यह सीट जीती।

उसके पहले इसके बाद यह 2014 के लोकसभा चुनाव में यह सीट उन्होंने अपनी पार्टी के नेता विजय सिंह मोहिते पाटिल को सौंप दी। वह भी 2014 के चुनाव में जीत कर आए। लेकिन 2019 के चुनाव में यह सीट भारतीय जनता पार्टी के हाथ में चली गई है और पार्टी के कंडीडेट रंजीत नायक निंबालकर चुनाव जीत कर नए सांसद बने हैं।