bacchu kadu

    Loading

    चांदुर बाजार: राज्यमंत्री बच्चू कडू (Bacchu Kadu) को वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करते समय घोषणा पत्र में संपत्ति छिपाने के मामले में चांदूर बाजार न्यायालय ने दो माह कैद व 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा शुक्रवार को सुनाई है। इस घटना से पुरे जिले की राजनीति में उथलपुथल मच गई है।

    भाजपा पार्षद ने की थी शिकायत 

    बच्चू कडू ने घोषणा पत्र मे मुंबई स्थित अपना फ्लैट छिपाने का आरोप पूर्व पार्षद गोपाल तिरमारे द्वारा लगाया गया था। जिसकी शिकायत उन्होंने तहसील के आसेगांव पूर्णा पुलिस स्टेशन में 27 दिसंबर 2017 को दर्ज कराई थी। जिसके आधार पर तत्कालिन थाना निरीक्षक अजय आखरे ने धारा 125 के तहत मामला दर्ज करने के बाद जांच की और 237 पन्नों का दोषारोप पत्र न्यायालय में पेश किया। तब से लेकर अभी तक यह मामला चांदूर बाजार न्यायालय में चल रहा था।

    इस मामले को लेकर शुक्रवार को सुनवाई की गई। जिसमे न्यायधीश एलसी वाडीकर ने राज्यमंत्री बच्चू कडू को दोषि मानते हुए 125 (अ) लोक प्रतिनिधि के तहत 2 महीने की जेल व 25 हजार रुपए जुर्माना की सज सुनाई। 

    जमानत मिली

    सजा सुनाने के बाद बच्चू कडू द्वारा जुर्माने की रकम भरी गई व जमानत के लिए अर्ज दाखिल किया गया। जिसे न्यायालय ने मंजूर कर उन्हें जमानत दे दी है। साथ ही उपरी अदालत में अपील करने के लिए 30 दिनों का समय दिया है। इस मामले मे राज्यमंत्री बच्चू कडू की ओर से महेश देशमुख, एबी काले ने पैरवी की व सरकार की ओर से सरकारी अभियोक्ता विनोद वानखडे ने पैरवी की।  इस समय न्यायालय में बच्चू कडू के समर्थक बडी संख्या मे उपस्थित थे। 

    हाइकोर्ट में करेंगे अपील

    बच्चू कडू ने कहा है कि वे इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। सजा सुनाने के बाद बच्चू कडू ने जुर्माने की रकम का भुगतान किया तथा जमानत के लिए आवेदन किया गया। जिसे न्यायालय ने मंजूर कर लिया है। उपरी अदालत में अपील करने के लिए 30 दिनों का समय दिया है। 

    कोर्ट परिसर में समर्थकों की भीड

    प्रहार संगठन के संस्थापक अध्यक्ष बच्चू कडू अचलपुर विधानसभा क्षेत्र (अमरावती जिला) से लगातार चौथी बार निर्दलीय विधायक चुने गए हैं। उन्होंने युवाओं को संगठित कर किसानों, विकलांगों और स्थानीय लोगों के कई मुद्दों को आक्रामक तरीके से उठाया है। बच्चू कडू अपने अभिनव आंदोलन के लिए महाराष्ट्र में विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। विधायक का कार्यकाल के बाद अब वह महिला एवं बाल कल्याण और शिक्षा राज्य मंत्री हैं। राजनीतिक क्षेत्र में उनकी एक अलग पहचान है। अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद चांदुर बाजार कोर्ट परिसर में उनके समर्थकों की भीड जमा हुई।

    न्यायलय के फैसले का सम्मान

    जिस फ्लैट को छिपाने का मामला सामने है उस पर लिए गए कर्ज को और घर को मैंने सामने रखा था। केवल घर व घर क्रमांक चुनाव के अर्जी पत्र पर नहीं डाला गया। यही मेरी गलती है, लेकिन इसे ना देखते हुए न्यायलय ने गलत फैसला दिया है, लेकिन फिर भी हम न्यायलय के फैसले का सम्मान करते है और ऊपरी अदालत से न्याय की अपेक्षा रखते है। यह मामला केवल जांच करने वाले थानेदार ने आपसी क्रोध निकलने के लिए किया है, क्योंकि किसी एक गरीब की मदद के लिए हमने उसे हमारे अंदाज मे सबक सिखाया था।

    -बच्चू कडू, राज्यमंत्री, महाराष्ट्र राज्य