Building Collapse in Kurla

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    मुंबई: कुर्ला (Kurla) के नाइक नगर (Naik Nagar) में सोमवार रात को हुए हादसे के बाद बगल की तीन इमारतों (Buildings) में रह रहे निवासियों को सुबह अपना घर खाली करना पड़ा। इमारत गिरने के बाद बीएमसी (BMC) और पुलिस ने नाइक नगर की विंग ए, बी, सी में रह रहे 35 परिवारों को जबरन खाली करा दिया। सवाल उठ रहा है कि किसी हादसे के बाद ही बीएमसी और पुलिस कैसे एक्टिव (Active) हो जाती है। यही कार्य पहले कर दिया जाता तो 19 लोगों की जान नहीं जाती।

    मुंबई महानगरपालिका की तरफ से किए गए मानसून सर्वे में 337 इमारतों को बहुत खतरनाक बताया गया है। इन इमारतों को भी बीएमसी पिछले कई वर्षों से नोटिस दे रही है, लेकिन निवासियों को निकालने की प्रक्रिया बहुत धीमी है। कुछ निवासी स्वयं इमारत खाली कर देते हैं, लेकिन जो खाली नहीं करते ऐसे लोगों को यह कह कर छोड़ दिया जाता है कि यदि कोई हादसा होता है तो इसके जिम्मेदार वे स्वयं होंगे।

    34 इमारतों की बिजली काटी गई

    बीएमसी के अनुसार 337 इमारतों में से 42 इमारतों का पानी, 34 की बिजली काटी गई है। अन्य खतरनाक हो चुकी इमारतों में सैंकड़ों परिवार रह रहे हैं जिनकी जान जोखिम में हैं। बीएमस की तरफ से जर्जर और खतरनाक घोषित की गई इमारतों की सूची में मुंबई शहर में 70, पूर्व उपनगर में 104 और पश्चिम उपनगर 163 इमारतें हैं। मुंबई शहर की 70 इमारतें ऐसी हैं जिसे हाई रिस्क वाली कैटेगरी में रखा गया है। अकेले एल वार्ड की 12 इमारतें हाई रिस्क में हैं। खतरनाक हो चुकी इमारतों पर बीएमसी तेजी से कार्रवाई करने का आदेश दिया था, लेकिन वार्ड ऑफिस की तरफ से इमारतों को खाली करने में ढिलाई बरती जा रही है। एफ उत्तर विभाग ने 23 खतरनाक इमारतों को बल पूर्वक खाली करा दिया, लेकिन एल वार्ड के सहायक मनपा आयुक्त महादेव शिंदे कार्रवाई करने में लापरवाही की जिससे इतना बड़ा हादसा हो गया।

    बीएमसी सर्वे की रिपोर्ट

    • इस वर्ष कुल खतरनाक इमारतें 465
    •  134  इमारतों को तोड़ा गया
    • अति खतरनाक इमारतें 337
    •  खाली कराई गई 113
    • इमारतों में रह रहे लोग 224