Mumbai Metro-4

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मुंबई: मुंबई में सार्वजनिक यातायात को सुलभ बनाने के लिए मेट्रो (Metro) का जाल बिछाया जा रहा हैं। इस बीच भुमि अधिग्रहण (Land Acquisition) आदि मामलों को लेकर कोर्ट में मामला होने से योजनाओं पर प्रभाव भी पड़ता रहा है। वडाला से ठाणे-कासारवडवली तक मेट्रो-4 (Metro-4) रूट को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं को मुंबई हाई कोर्ट ने (Mumbai High Court) खारिज कर दिया। कोर्ट के इस फरमान से इस परियोजना की एक बड़ी बाधा दूर हो गई है। वैसे इस रूट का काम तेजी से चल रहा है। 

वडाला से ठाणे कसारवडवली तक 32.32 किमी की एलिवेटेड मेट्रो लाइन पर 30 स्टेशन हैं। इस बीच इंडो निप्पॉन कंपनी के पास घाटकोपर परिसर में 733.5 वर्ग मीटर जमीन थी। कंपनी ने भूमि अधिग्रहण के दावे के विरोध करते हुए यह दावा किया कि मेट्रो लाइन 2,205 वर्ग मीटर भूमि को प्रभावित करेगी। इस मामले में इंडो निप्पॉन केमिकल कंपनी और यशवंत को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी द्वारा परियोजना के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। इस मामले में हाई कोर्ट ने एक बार फिर जनहित में एमएमआरडीए का पक्ष लेते हुए कंपनी की याचिका खारिज कर दी। एमएमआरडीए के वकील ने कहा कि परियोजना को सभी आवश्यक अनुमतियों के साथ लागू किया गया हैं। 

हाई कोर्ट का स्टे देने से इंकार 

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किए जाने से पहले परियोजना को स्टे देने से भी हाई कोर्ट ने इंकार कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि मेट्रो परियोजना सार्वजनिक दृष्टि से उपयोगी है, इसलिए इसके कार्य पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।