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मुंबई: श्रावण मास भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। शिव पुराण के अनुसार भगवान शंकर श्रावण मास में सोमवार व्रत करने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष श्रावण मास 59 दिनों तक चलेगा। 19 वर्षों बाद इस दुर्लभ घटना में अधिकमास ने श्रावण मास की लंबाई बड़ा दी है जो इसे अतिरिक्त शुभ बनाती है।

भोलेनाथ के भक्तों को उनकी उपासना करने के लिए 8 सोमवार मिलेंगे

ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री ने कहा कि इस बार श्रावण मास में भगवान शिव के साथ साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होगी। श्रावण मास की शुरुआत कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इस वर्ष श्रावण मास की 4 जुलाई से 31 अगस्त तक रहेगा। 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिक मास रहेगा। पंचांग की गणना सौर मास और चंद्रमास के आधार पर की जाती है। चंद्रमास 354 दिनों का व सौर मास 365 दिन का होता है। ऐसे में 11 दिन का अंतर आता है और 3 साल के अंदर यह अंतर 33 दिन का हो जाता है, जिसे अधिकमास कहा जाता है। इस वर्ष भोलेनाथ के भक्तों को उनकी उपासना करने के लिए 8 सोमवार मिलेंगे।

श्रावण मास के सोमवार का महत्व 

पं. अतुल शास्त्री ने कहा कि जो व्यक्ति श्रावण के सोमवार का व्रत करता है उसके वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है, जीवन में सुख समृद्धि की कमी नहीं रहती है। श्रावण मास में भगवान शिव को धतूरा, बेलपत्र, चावल, चंदन, शहद जरूर चढ़ाना चाहिए। श्रावण मास में की गई पूजा से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा श्रावण मास के सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है व स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। पं. अतुल शास्त्री के अनुसार श्रावण मास के सोमवार के दिन 21 बेल पत्रों पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से किसी काम में आ रही बाधा दूर हो जाएगी। जीवन से कष्ट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है तो श्रावण मास में शिवलिंग पर दही चढ़ाएं। भगवान शंकर को दही बहुत पसंद हैं। विवाह में बाधा आ रही हो तो सोमवार के दिन शिवलिंग पर दूध में केसर मिलाकर चढ़ाएं। सावन के महीने में बैल को हरा चारा खिलाना चाहिए। बैल को नंदी का रूप कहा जाता है ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होते हैं। श्रावण मास में मछलियों को आटे की गोलियां खिलाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और राहु केतु ग्रह के बुरे असर से भी छुटकारा मिलता है।