voter list checking in nagpur
वोटर लिस्ट में नाम ढूंढता मतदाता

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नागपुर. शुक्रवार को हुए लोकसभा चुनाव के मतदान के लिए भले ही प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम और चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था किए जाने का दावा किया हो लेकिन मतदान शुरू होते ही उसके दावे की पोल खुलनी शुरू हो गई. सुबह से ही लोगों में उनके नाम मतदाता सूची से गायब पाए जाने पर कई पोलिंग बूथों पर जमकर रोष जताया गया. आश्चर्यजनक यह था कि कुछ बूथों पर तो बाहर बैठे राजनीतिक दलों के एजेंट की सूची में तो नाम और बूथ नंबर प्राप्त हुआ किंतु जैसे ही मतदान केंद्र के भीतर प्रवेश किया तो अधिकारियों द्वारा सूची में नाम नहीं होने का कारण देते हुए वापस लौटा दिया गया. इस तरह की स्थिति कमोबेश उत्तर नागपुर के प्रत्येक हिस्से में देखी गई. विशेषत: नारी के मनपा स्कूल के पोलिंग सेंटर पर तो लगभग 300 से अधिक मतदाताओं के नाम गायब पाए गए. पपिता वासनिक नाम मतदाता ने कहा कि यदि उनके पास वैध वोटर कार्ड है तो सूची से उनका नाम गायब कैसे हो सकता है? यह एक तरह की साजिश है.

नारा रोड पोलिंग सेंटर के बाहर हंगामा
एक ओर जहां मतदाता सूची से नाम गायब पाए जाने को लेकर मतदाताओं द्वारा चुनाव आयोग को आड़े हाथों लिया जा रहा था वहीं नारा रोड पोलिंग सेंटर के बाहर इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से निकाली जा रही पर्ची को लेकर कुछ देर के लिए हंगामा मचा रहा. सुबह 7 बजे से शुरू हुआ मतदान 2 घंटे तक तो सुचारु चलता रहा किंतु अचानक मशीन से पर्ची निकालकर एक प्रत्याशी का प्रचार होने को लेकर विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया. पोलिंग सेंटर के करीब ही चल रहे इस हंगामे को देखते हुए सुरक्षा कर्मियों ने इसे शांत कराने का प्रयास किया. हंगामा कर रहे कार्यकर्ताओं को बताया गया कि यदि किसी तरह की आपत्ति है तो पोलिंग बूथ अधिकारी के पास शिकायत करें लेकिन इस तरह से शांति और व्यवस्था को खराब न करें.

चिलचिलाती धूप में भी निकले मतदाता
माना जा रहा था कि 3 दिनों की लगातार बारिश के बाद अचानक चढ़े पारे के कारण मतदान के दिन सुबह या फिर केवल शाम को ही मतदान केंद्रों पर भीड़ होगी किंतु इसके विपरीत मतदान होता दिखाई दिया. सुबह 7 बजे से शुरू हुआ मतदान 2 घंटे के बाद केवल 6.84 प्रतिशत का ही आंकड़ा छू पाया. इसी तरह से 11 बजे तक केवल 10 प्रतिशत मतदान अंकित किया गया. किंतु वास्तविक मतदान की रेस दोपहर 12 के बाद से शाम 4 बजे तक ही देखी गई. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 11 से 4.30 बजे तक लगभग 32 प्रतिशत मतदान हुआ. यहां तक कि 5 बजे तक यह आंकड़ा 43.47 प्रतिशत तक पहुंचा.

‘वाट्सएप यूनिवर्सिटी’ पर चलता रहा प्रचार
लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता के चलते भले ही प्रचार 2 दिन पहले ही शांत हुआ हो लेकिन मतदान के दिन भी ‘वाट्सएप यूनिवर्सिटी’ पर तमाम राजनीतिक दलों की ओर से अपने-अपने प्रत्याशियों का प्रचार जारी रहा. नागपुर लोकसभा चुनाव के लिए कुल 26 प्रत्याशी चुनाव मैदान में खड़े थे लेकिन आश्चर्यजनक यह रहा कि उत्तर नागपुर के 388 मतदान केंद्रों में से अधिकांश के बाहर भाजपा, कांग्रेस के ही बूथ दिखाई दिए. यहां तक कि कुछ ही मतदान केंद्रों के बाहर बसपा के बूथ दिखाई दिए जिससे भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होने की चर्चा भी दिनभर जारी रही.

उत्तर नागपुर का वोटिंग ट्रेंड
-सुबह 9 बजे 6.84 प्रतिशत
-सुबह 11 बजे 10.00 प्रतिशत
-दोपहर 1 बजे 19.48 प्रतिशत
-दोपहर 3 बजे 32.02 प्रतिशत
-शाम 5 बजे 43.47 प्रतिशत
अंतिम 53.00 प्रतिशत (अनुमानित)

-नारी के मनपा स्कूल पोलिंग सेंटर पर 1.40 घंटा खराब रही मशीन
-इलेक्ट्रॉनिक फोटो आईडेंटी कार्ड होने के बाद भी महात्मा गांधी स्कूल में नहीं करने दिया मतदान.
-मृतकों के मतदाता सूची में नाम लेकिन जिंदा मतदाताओं के गायब.
– राजनीतिक दलों की मतदाता सूची में नाम लेकिन भीतर मतदान केंद्रों की सूची से गायब.
-मतदान केंद्रों पर गर्मी से बचने के लिए कोई शेड या पंडाल नहीं था.
-मतदान केंद्रों पर रैम्प तो बने हुए थे किंतु कई केंद्रों पर रैम्प से चढ़ना टेढ़ी खीर साबित हुआ.
-कुछ मतदान केंद्रों पर काफी धीमा रहा मतदान.
-मतदाताओं को लंबी कतार के कारण चिलचिलाती धूप से दो-चार होना पड़ा.
-मतदान केंद्रों के भीतर बैठे अधिकारियों ने बुजुर्ग मतदाओं की नहीं ली सुध.
-शाम को मतदान केंद्रों पर अचानक उमड़ी मतदाताओं की भीड़.