Nitin raut
नितिन राउत (फाइल फोटो)

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नागपुर. राज्य में सत्ता परिवर्तन होते ही नई सरकार ने तत्कालीन सरकार द्वारा मंजूर किए गए कार्य तथा टेंडरों पर सिरे से रोक लगा दी. वर्तमान सरकार की इस कार्यप्रणाली को लेकर जहां राजनीतिक पटल पर लगातार संघर्ष जारी है वहीं अब न्यायिक लड़ाई भी लड़ी जा रही है. इसी के चलते उत्तर नागपुर के विधायक नितिन राऊत ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की. याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश अतुल चांदूरकर और न्यायाधीश एमडब्ल्यू चांदवानी ने सरकार को आदेश दिए कि जिन प्रकल्पों की टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है, जबकि वे जारी किए जा चुके हैं और कंपनियों की ओर से टेंडर भरे गए हों तो ऐसे टेंडर कोर्ट की अनुमति के बिना रद्द नहीं किए जाएं. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. दीपेन जग्यासी ने पैरवी की. 

प्रकल्पों की यथास्थिति बनाए रखें

सुनवाई के दौरान दोनों याचिकाकर्ताओं की ओर से तमाम विकास कार्यों को लेकर जारी वर्क ऑर्डर और अन्य प्रक्रिया की जानकारी का लेखा-जोखा अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया. इसके बाद अदालत ने प्रकल्पों की यथास्थिति बनाए रखने के आदेश भी राज्य सरकार को दिए. सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार के 6 अलग-अलग विभागों, जिला नियोजन कमेटी, प्रन्यास को भी नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए. याचिका में इन सभी प्रतिवादी विभागों को स्वतंत्र रूप से आदेश देने का अनुरोध किया गया है. अंतरिम आदेश जारी करने के लिए याचिका क्रमांक 9421/2022 का हवाला दिया गया जिसमें 9 नवंबर 2022 को औरंगाबाद बेंच की ओर से आदेश जारी किए गए हैं.

राजनीतिक द्वेष के कारण रोक

विधायक राऊत की पैरवी कर रहे एड.जग्यासी ने कहा कि गत सरकार के कार्यकाल में उनके चुनाव क्षेत्र के लिए विभिन्न विकास कार्यों को मंजूरी प्रदान की गई. वित्तीय प्रावधान किए जाने के बाद न केवल टेंडर निकाले गए बल्कि संबंधित कामों को अंजाम देने वाली कंपनियों को वर्क ऑर्डर भी जारी किया गया. किंतु जैसे ही राज्य में सत्ता बदली, नई सरकार ने बिना किसी कारण एक सिरे से पुरानी सरकार द्वारा मंजूर सभी कामों पर रोक लगा दी. राजनीतिक द्वेष के चलते इस तरह से रोक लगाई गई है. इस संदर्भ में कई बार सदन में तथा कई बार सदन के बाहर सरकार से मांग की गई किंतु इस सरकार ने आश्वासन के अलावा कुछ नहीं किया. इससे विधानसभा क्षेत्र के विकास से जुड़े कार्य अटके हुए हैं. जनहित के इन कामों को रोके जाने से जनता का नुकसान हो रहा है.