bhujbal
छगन भुजबल (फाइल फोटो)

Loading

नासिक: अजित पवार समेत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नौ विधायकों के राज्य सरकार में शामिल होने के कारण बदले हालातों के बाद इस बात को लेकर चर्चा की जा रही है कि छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) को नासिक जिले का पालकमंत्री (  Nashik District Guardian Minister) बनाया जा सकता है। छगन भुजबल पहले भी नासिक जिले के पालकमंत्री रह चुके हैं। शिंदे सरकार में वर्तमान में खनन और बंदरगाह मंत्री का काम देखने वाले दादा भुसे ने नासिक जिले के पालकमंत्री हैं, लेकिन भुजबल के शिंदे मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद एक बार फिर इस बात चर्चा शुरू हो गई है कि भुजबल को एक बार फिर नासिक जिले के पालकमंत्री की कुर्सी पर विराजित किया जा सकता है।

छगन भुजबल ने अजित पवार के साथ कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ले ली है। राजनीतिक जानकारों का दावा है कि भुजबल को नासिक के पालकमंत्री की कुर्सी दी जा सकती है। राजनीति में कुछ भी हो सकता है, इसका सबूत राज्य की वर्तमान राजनीति से मिल रहा है। शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस ने मिलकर महाविकास अघाड़ी बनायी। इन तीनों पार्टियों की सरकार सत्ता में आई, लेकिन पिछले वर्ष  शिवसेना में विभाजन हो गया। 

और शिंदे सरकार में शामिल हुए अजित पवार

एकनाथ शिंदे अपने साथ 40 विधायकों को लेकर अलग हो गए और बीजेपी से हाथ मिलाकर सरकार बना ली। नए राजनीतिक समीकरण, एकनाथ शिंदे समूह और बीजेपी का उदय हुआ। 2014 में मुख्यमंत्री रहे देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने, जबकि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली। 2 जुलाई को महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया भूचाल आया और एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार अपने साथ आठ अन्य विधायकों ने शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। 

विधायक देवयानी फरांदे को मिल सकता है मंत्री पद 

नासिक मध्य की विधायक प्रो. देवयानी फरांदे को कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद मिल सकता है। महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान जब छगन भुजबल पालकमंत्री थे, तब उनके और नांदगांव विधायक सुहास कांदे के बीच फंड आवंटन को लेकर विवाद हुआ था। कांदे ने आरोप लगाया कि भुजबल ने हमारा फंड चुरा लिया। यह बहस युद्ध तक पहुंच गई। अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कट्टर समर्थक दादा भुसे नासिक जिले के पालकमंत्री हैं और पिछले सप्ताह भुजबल ने धन आवंटन को लेकर उन पर हमला बोला था।

फंड वितरण को लेकर सुलह की संभावना

भुजबल ने आरोप लगाया था कि फंड का वितरण अनुचित हो रहा है, इससे भुजबल और भुसे के बीच विवाद की चिंगारी भी भड़क रही है। अब नए राजनीतिक समीकरण बनने से आम नागरिकों में उत्सुकता है कि क्या धन आवंटन को लेकर झगड़ा सुलह में बदल जाएगा। फिलहाल अभी सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात को लेकर है कि क्या छगन भुजबल को फिर से नासिक जिले का पालकमंत्री बनाया जाएगा, या दादा भुसे ही नासिक जिले के पालकमंत्री पद पर बने रहेंगे।