
मालेगांव. तहसील में रावलगांव स्थित एस.जे. चीनी मिल (S J. Sugar Mill) का 2020-21 पेराई सत्र में गन्ना आपूर्तिकर्ताओं का एफआरपी (FRP) 17 करोड़ 98 लाख 76 हजार रुपये बकाया है। चीनी आयुक्त के आदेश पर कार्रवाई करते हुए तहसीलदार चंद्रजीत राजपूत ने कारखाने से 23 करोड़ 71 लाख रुपये की चीनी, 35 लाख रुपये की कच्ची चीनी, पकी हुई चीनी और बोरे इस प्रकार 24 करोड़ 82 लाख 11 हजार रुपये का सामान जब्त (Seize) कर लिया है।
बताया जा रहा है कि करीब 2 साल पहले शुरू हुई फैक्ट्री प्रबंधन में कलह से यह नौबत आ गई। फैक्ट्री ने 2020-21 सीजन में 1 लाख 46 हजार 749 मीट्रिक टन गन्ने की पेराई की थी। चालू सीजन के लिए शुद्ध एफआरपी 2536।65 प्रति मीट्रिक टन है। कुछ गन्ना आपूर्तिकर्ताओं को एफआरपी का भुगतान किया गया। वहीं 2,400 किसानों की रकम बाकी है। गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 के प्रावधानों के अनुसार आपूर्तिकर्ताओं को न्यूनतम 14 दिनों के एफआरपी पर गन्ना मूल्य का भुगतान करना अनिवार्य है। समय पर राशि नहीं मिलने पर किसानों ने चीनी आयुक्त से शिकायत की थी।
सामानों को बेचकर वसूला जाएगा बकाया
आयुक्त ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए 22 सितंबर 2020 को बकाया भुगतान करने का आदेश दिया था। इसके बाद भी राशि का भुगतान नहीं होने पर चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने 27 मई को कार्रवाई के आदेश दिए थे। इस आदेश के तहत जिला कलेक्टर सूरज मांढरे ने तहसीलदार राजपूत को कार्रवाई के निर्देश दिए। राजस्व अधिकारियों के साथ राजपूत ने 7 लाख 6 हजार 512 क्विंटल तैयार चीनी, 23 लाख 71 हजार रुपये की 140 क्विंटल कच्ची चीनी, 75 लाख 99 हजार को मोलेसि और 12,000 के बोरे इतना सामान जब्त कर लिया है। इन सामानों को बेचकर बकाया वसूला जाएगा। आवश्यकतानुसार कारखाने के अपने चल-अचल संपत्ति के दस्तावेजों में सरकार का नाम अंकित होगा। इस आदेश के तहत जिला कलेक्टर सूरज मांढरे ने तहसीलदार राजपूत को कार्रवाई के निर्देश दिए थे।