Nashik Municipal Corporation suffered a setback of 150 crores in the first quarter, the councilors may have to face problems

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नासिक: चालू वित्त वर्ष के महज दो महीनों में नासिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) की वित्तीय स्थिति में काफी बदलाव आया है। महानगरपालिका का घाटा (Loss) दो माह पहले करीब 350 करोड़ रुपए था, वह घटकर अब महज 28 करोड़ रुपए ही रह गया है। इससे महानगरपालिका की तिजोरी काफी हद तक भर गई है। पिछले 18 वर्ष से महानगरपालिका की करीब 12.5 करोड़ रुपए की जमा राशि बैंक में फंसी हुई थी।

नासिक महानगरपालिका कमिश्नर ने वर्ष 2022-23 का बजट पेश करने के बाद स्थायी समिति को बजट सौंपा। इस दौरान महानगरपालिका पर प्रशासनिक नियम के चलते कमिश्नर का ही बजट लागू किया गया। महानगरपालिका कमिश्नर ने 2082 करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। स्थायी समिति और महासभा को इसमें नहीं जोड़ा गया, इसलिए यह बजट उसी राशि पर स्थिर रहा। महानगरपालिका का वित्तीय प्रबंधन काफी हद तक जीएसटी रिफंड, गृह कर, जल कर और शहरी नियोजन विभाग के विकास शुल्क पर आधारित है। 

कर संग्रह से घाटे को काफी हद तक कम किया गया

पिछले वर्ष महानगरपालिका प्रशासन ने अपनी कुछ संपत्तियों को पीपीपी आधार पर विकसित करने की घोषणा की थी और करीब 250 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान लगाते हुए बजट तैयार किया था, लेकिन यह फैसला लागू नहीं हुआ। साथ ही अन्य छोटी पूंजी राशियां एकत्र करने की भी उम्मीद धूमिल होने के कारण जनवरी 2023 में लगभग 350 करोड़ रुपए का घाटा हो गया, इससे महानगरपालिका को भारी आर्थिक बोझ उठाना पड़ा। कर विभाग, शहरी नियोजन और अन्य विभागों के साथ-साथ कमिश्नर द्वारा किए गए कर संग्रह से घाटे को काफी हद तक कम किया गया।

ऐसे किया घाटे को कम

पानी की पाइपलाइन, गैस पाइपलाइन और कई अन्य कारणों से सड़कें खोदी जाती हैं। इन सड़कों को खोदने के बदले सड़क की क्षति शुल्क महानगरपालिका के खजाने में जमा करना होता है। गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए नासिक शहर और आस-पास के क्षेत्रों में सड़कों को बड़े पैमाने पर खोदा गया था। इसके एवज में महानगरपालिका ने इन कंपनियों से 104 करोड़, 68 लाख रुपए वसूले हैं। वहीं दूसरी ओर पाइपलाइन समेत अन्य कारणों से कराए गए निर्माण कार्य से महानगरपालिका के खजाने में 24 करोड़ रुपए जमा हुए। इस राशि से कर विभाग और नगर नियोजन विभाग ने 350 करोड़ के घाटे को कम करके 28 करोड़ रुपए करने में सफलता प्राप्त की है।  

लक्ष्य से अधिक हुई कर की वसूली 

महानगरपालिका को विभिन्न कार्यों और परियोजनाओं को लागू करने के लिए केंद्र सरकार से 15वें वित्त आयोग से धन प्राप्त होता है। इस कोष को प्राप्त करने के लिए शत-प्रतिशत कर वसूली की शर्त थी, इससे महानगरपालिका प्रशासन ने 189 करोड़ रुपए एकत्र किए। महानगरपालिका कमिश्नर ने कर विभाग को 185 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया था, लेकिन कर विभाग लक्ष्य से अधिक वसूली करने में सफल रहा।

श्रीराम बैंक में अटके हैं 12.48 करोड़

श्रीराम बैंक में पिछले 15 से 18 वर्ष से महानगरपालिका के 12 करोड़, 48 लाख रुपए अटके हुए हैं।  श्रीराम बैंक में जमा राशि प्राप्त करने के लिए महानगरपालिका प्रशासन सहकारिता कमिश्नर से संपर्क कर रहा है, लेकिन राशि कब मिलेगी, इसके बारे में कुछ भी कह पाना संभव नहीं है।