Bullock cart race
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    नाशिक : सत्तारूढ़ शिवसेना (Shiv Sena) के पूर्व विधायक (Former MLA) अनिल कदम (Anil Kadam) के नाम से एक बार फिर नाशिक जिले (Nashik District) में बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन किया गया और इस खेल में हजारों की भीड़ उमड़ी। इस संबंध में प्रशासन ने अब तक 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बैलगाड़ी की रेस के लिए दर्ज किया गया यह दूसरा मामला है। एक तरफ जहां ओमिक्रोन ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है। दूसरी ओर नाशिक (Nashik) के निवासी बैलगाड़ियों की रेस लगा कर हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठा कर रहे हैं। सवाल यह भी किया जा रहा है कि एैसी महामारी वाली स्थिती में एैसा कैसे किया जा सकता है?

    राज्य सरकार ने राज्य में कोरोना से बचाव के नियम लागू कर दिए हैं। उसके मुताबिक कोई भी इवेंट में 250 से ज्यादा लोगों को जमा नहीं किया जा सकता। एक शादी के लिए एक बंद हॉल में उपस्थित लोगों की संख्या एक बार में 100 से अधिक नहीं होनी चाहिए और खुले स्थान में संख्या 250 या स्थान की क्षमता के 25 प्रतिशत होनी चाहिए। अन्य सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक आयोजनों के लिए भी उपस्थित लोगों की संख्या 100 से अधिक नहीं होनी चाहिए और खुले स्थान में यह संख्या 250 या इस स्थान की क्षमता का 25% से भी कम हो, खेल प्रतियोगिताओं, खेलकूद समारोहों के आयोजन स्थल की बैठने की क्षमता के 25 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति नहीं होगी। लेकिन बैलगाड़ी दौड़ में इस नियम का नहीं पालन किया जा रहा है।

    देखा गया है कि नाशिक जिले के दिंडोरी तहसील के लखमापुर गांव में फिर से बिना लाइसेंस के बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन किया गया है। दौड़ में हजारों लोगों ने भाग लिया। इस रेस में सैकड़ों प्रतियोगियों ने भाग लिया था। लेकिन प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। मामला प्रकाश में आने पर जिला पशुपालन अधिकारी बी.एस.आर. नरवाडे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। समझदार नागरिक सवाल कर रहे हैं कि क्या प्रशासन इस पर विचार करेगा, क्या केवल मामला दर्ज करने से समस्या का समाधान नहीं होता है?

    पहला मामला भी नाशिक में

    राज्य में पहली बैलगाड़ी दौड़ शनिवार को नाशिक के ओझर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटाए जाने के बाद आयोजित की गई थी। लेकिन प्रतियोगिता के आयोजन के लिए प्रशासन से अनुमति नहीं मांगी गई थी। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए थे। इसमें राज्य भर से सैकड़ों प्रतियोगियों ने भाग लिया था। इसलिए यहां काफी भीड़ थी। मास्क और सुरक्षित दूरी कहीं भी देखी नहीं गई। इसलिए, सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंध हटाने के बाद, इस तरह के प्रतिबंधों और नियमों का उल्लंघन करते हुए राज्य में पहली बैलगाड़ी दौड़ आयोजित की गई थी। इस संबंध में राज्य में पहला मामला शिवसेना के पूर्व विधायक अनिल कदम, आशीष शिंदे, स्वप्निल कदम, शिवाजी शेजवाल, हर्षल चौधरी, महेश शेजवाल, पिंटू शिंदे, अनिल सोमासे, संजय भिकुले और अमोल भालेराव के खिलाफ दर्ज किया गया है।