अस्पतालों का जायजा लेने के लिए चिकित्सा अधिकारियों के दस्ते बनाएं

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– विभागीय आयुक्त डॉ. दीपक म्हैसेकर ने दी जानकारी

पुणे. कोरोना की पृष्ठभूमि पर अस्पतालों की स्थिति का जायजा लेने के लिए चिकित्सा अधिकारियों के दस्ते तैयार किए जाएं, ऐसे निर्देश विभागीय आयुक्त डॉ. दीपक म्हैसेकर ने एक बैठक में दिए.

अधिकारियों की आयोजित बैठक डॉ. दीपक म्हैसेकर ने यह निर्देश दिए. बैठक को जिलाधिकारी नवलकिशोर राम, महानगर पालिका आयुक्त शेखर गायकवाड, साखर आयुक्त सौरभ राव, अतिरिक्त आयुक्त शांतनू गोयल, आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्था के आयुक्त पवनीत कौर, सहायक धर्मादाय आयुक्त नवनाथ जगताप, उपायुक्त संजयसिंह चव्हाण, महापालिका के सहायक स्वास्थ्य प्रमुख डॉ. संजीव वावरे, सहायक चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीषा नाईक आदि उपस्थित थे.

अस्पतालों का ऑडिट होना जरुरी 

विभागीय आयुक्त डॉ. म्हैसेकर ने कहा कि कोविड-19 के मरीजों पर इलाज कराने वाले अस्पतालों का ऑडिट होना जरुरी है. कुछ निजी अस्पताल कोरोना के मरीजों इलाज ना कराने की भी शिकायतें प्राप्त हो रही है, जबकि कुछ निजी अस्पताल कोरोना बाधित मरीजों पर इलाज कराने के बाद ज्यादा पैसों की वसूली कर रहे है. यह सभी सूचनाएं काफी गंभीर है. इस तरह के नियमों का उल्लंघन करने वालों अस्पतालों की जांच करानी जरुरी है.

बिलों की जांच कराने के लिए  5 अपर जिलाधिकारियों की नियुक्ति की जाए

उन्होंने कहा कि इलाज कराने के पश्चात मरीजों को दिए जाने वाले बिलों की जांच कराने के लिए पांच अपर जिलाधिकारियों की नियुक्ति की जाए. साथ में कोरोना बाधितों पर इलाज ना कराने वाले अस्पतालों पर कानूनी तौर पर कार्रवाई की जाएं, इस बैठक में कोविड-19 की स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए किए जाने वाली उपाय योजनाओं के संदर्भ में चर्चा की गई. 21 मई के सरकारी आदेश के तहत निजी अस्पतालों के 80 प्रतिशत बेड आरक्षीत करने के फैसले पर अमल करना, अस्पतालों में उपलब्ध बेड, वेंटिलेटर, आईसीयू बेड, निजी अस्पताल में आरक्षीत आइसोलेशन कक्ष और मरीजों पर किए जाने वाले उपचारों के संदर्भ में जायजा लिया गया.