Kesari Ration card

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  • 22 लाख 77 हजार 310 हितग्राहियों का शत-प्रतिशत आधार जोड़ा 
  • डुप्लीकेट राशन कार्ड का पता लगाने में भी जिला प्रदेश में अव्वल

यवतमाल. लाभार्थियों को पारदर्शी तरीके से खाद्यान्न वितरण एवं खाद्यान्न वितरण में गबन एवं अनाचार को रोकने हेतु केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देश के तहत राज्य में संपूर्ण सार्वजनिक वितरण प्रणाली कम्प्यूटरीकृत की गई.   इस   परियोजना के तहत हितग्राहियों को राशन अनाज की दुकानों के माध्यम से ईपॉस मशीन से बायोमीट्रिक पहचान के बाद राशन का वितरण किया जाता है. 

यवतमाल जिले में कुल योजनाओं की संख्या 6 लाख 10 हजार 768 है. राशन कार्डों में 22 लाख 77 हजार 310 लाभ का शत-प्रतिशत आधार लिंकेज करने वाला प्रदेश का पहला जिला बन गया है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत पात्र हितग्राहियों को अंत्योदय खाद्य योजना के तहत प्रति कार्ड 35 किलो एवं प्राथमिकता परिवार हितग्राही योजना के तहत प्रति व्यक्ति 5 किलो खाद्यान्न का लाभ दिया जाता है.

अपात्र राशन कार्डों से हितग्राहियों का पता लगाना एवं अपवर्जन एवं पात्र हितग्राहियों का समावेश आपूर्ति विभाग द्वारा की जाने वाली एक सतत प्रक्रिया है. मई 2018 में, आधार से जुड़ी सार्वजनिक वितरण प्रणाली को राज्य भर में सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था. इस नई व्यवस्था से आधार सत्यापन के जरिए शत प्रतिशत खाद्यान्न वितरण किया जाता है. यवतमाल जिले में मृत व्यक्तियों की खोज, दोहरे पंजीकरण, प्रवासी परिवारों, गैर-मौजूद व्यक्तियों, विवाहित लड़कियों आदि की खोज के बाद जो राशन कार्ड मानदंड में फिट नहीं होते हैं उन्हें तुरंत अयोग्य घोषित कर दिया जाता है.

यवतमाल जिले की सीमा 7 जिलों और एक राज्य से लगती है.  जिला आपूर्ति विभाग ने अन्य जिलों और राज्यों के राशन कार्ड खोजने की मेहनत की. इस दौरान  2 हजार 383 डुप्लीकेट राशन कार्ड मिले हैं, जिनमें से 1292 को रद्द कर दिया गया है और 1091 को निरीक्षण के बाद बरकरार रखा गया है. इसमें भी यवतमाल जिला प्रदेश में प्रथम जबकि अन्य इस कार्य में प्रथम स्थान पर है. कोई भी जिला यवतमाल जिले के करीब भी नहीं है.

आधार कार्ड के साथ राशन कार्ड का कम्प्यूटरीकरण एक सतत प्रक्रिया है और इसके माध्यम से उपलब्ध पहलु का उपयोग नए राशन कार्ड के लाभार्थियों के साथ-साथ अलग हुए परिवारों को खाद्यान्न वितरण के लिए युद्ध स्तर पर शुरू किया गया है. यवतमाल जिला सभी योजनाओं के 6,10,768 राशन कार्डों में से 22,77,310 लाभार्थियों को 100 प्रतिशत आधार कनेक्शन प्रदान करने वाला राज्य का पहला जिला बन गया है.राशन कार्ड-आधार लिंकेज के फलस्वरूप खाद्यान्न का लाभ पात्र हितग्राहियों तक पहुंच रहा है तथा खाद्यान्न के दुरूपयोग एवं गबन को रोका गया है.  नतीजा यह हुआ कि हितग्राहियों को अनाज नहीं मिलने जैसी शिकायतें कम हुई हैं.

राशन कार्ड के कम्प्यूटरीकरण ने लाभार्थियों के लिए अपने घरों में आराम से प्राप्त अनाज को ऑनलाइन देखना संभव बना दिया है. विभाग में इस पारदर्शिता से नागरिकों में जागरूकता बढ़ी है. वितरण प्रणाली के माध्यम से सभी लाभार्थियों के सत्यापन ने यवतमाल जिला आपूर्ति विभाग को जवाबदेह, पारदर्शी और गतिशील बना दिया है.

सुधाकर पवार (जिला आपूर्ति अधिकारी)