Yogi Adityanath, workers rescued from Silkyara tunnel, yogi

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  • सरकारी आवास पर सीएम योगी ने सभी श्रमिकों और उनके परिजनों का किया सम्मान
  • सीएम योगी ने की श्रमिकों के साहस और धैर्य की सराहना
  • टनल में मुश्किल हालातों के उनके अनुभवों को भी सुना 
  • उत्तर प्रदेश के 8 श्रमिक, सभी श्रमिकों के रेस्क्यू की लगातार मॉनीटरिंग कर रहे थे सीएम योगी 

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास में उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल में फंसे उत्तर प्रदेश के श्रमिकों की सकुशल वापसी के बाद उनसे और उनके परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उनका हाल भी जाना और मुश्किल घड़ी में श्रमिकों ने किस तरह इसका सामना किया इसके विषय में उनके अनुभवों को भी सुना। सीएम योगी ने कहा कि प्रसन्नता हो रही है कि टनल हादसे में फंसे उत्तर प्रदेश के सभी श्रमिक सकुशल वापस लौटे हैं और अब अब आप सभी अपने घरों को जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर मुश्किल समय में अपने लोगों के लिए खड़ी है और खड़ी रहेगी। इस दौरान सीएम योगी ने सभी श्रमिकों के साहस और धैर्य की सराहना भी की। उन्होंने सभी श्रमिकों को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से शॉल उढ़ाकर सम्मानित किया और उन्हें मिठाई और उपहार भी प्रदान किए। 

उल्लेखनीय है कि उत्तरकाशी में टनल दुर्घटना में उत्तर प्रदेश के कुल 8 श्रमिक फंस गए थे। टनल में पूरे 16 दिन बिताने के बाद 17वें दिन उनको बाहर निकाला जा सका। इनमें श्रावस्ती से 6 (अंकित, राम मिलन, सत्यदेव, संतोष, जयप्रकाश और राम सुंदर), लखीमपुर खीरी से एक (मंजीत) और मिर्जापुर से एक (अखिलेश कुमार) शामिल थे। सीएम योगी के निर्देश पर इन श्रमिकों की पल-पल जानकारी के लिए प्रदेश सरकार की ओर से एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था। साथ ही सभी परिजनों को उनकी स्थिति के विषय में हर दिन अपडेट किया जा रहा था। सीएम योगी स्वयं इसकी मॉनीटरिंग भी कर रहे थे। 

श्रमिकों ने सीएम को दी टनल में बिताए मुश्किल समय की जानकारी
मुलाकात के दौरान एक श्रमिक ने बताया कि जब हादसा हुआ तो हमें लगा कि ऑक्सीजन पाइप में कुछ डैमेज हुआ है। हम जब आगे गए तो देखा सामने से मलबा आ रहा है। फिर हमारा हिम्मत टूट गया। उन्होंने बताया कि जिस जगह हम फंसे थे, उस जगह टनल की लंबाई ढाई किमी तक थी और चौड़ाई 14 मीटर थी। टनल में इतनी ऑक्सीजन थी कि हम दो-तीन दिन तक वहां रह सकते थे, बाकी कंपनी और सरकार ने बहुद मदद की। अगर बाहर से खाने-पीने की सामग्री और ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो जाती तो हमारा जीवन भी बंद हो जाता। उन्होंने बताया कि कंपनी और सरकार ने ऐसी व्यवस्था की थी कि अंदर एक मिनट भी लाइट नहीं गई। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से जब एक अधिकारी ने अंदर उनसे बात की तो पता चला कि सिर्फ भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार ही नहीं, बल्कि हमारे प्रदेश की सरकार भी हमें बचाने के लिए मुस्तैद है तो हम सब यूपी वालों को बहुत तसल्ली मिली। बातचीत के दौरान श्रमिकों ने भी प्रदेश सरकार की ओर से किए गए प्रयासों के लिए सीएम का धन्यवाद दिया। सीएम योगी ने सभी श्रमिकों से ये भी जाना कि वो कब से उत्तराखंड की इस टनल में काम कर रहे हैं। साथ ही सीएम ने श्रमिकों के परिजनों से भी बातचीत की और उनकी स्थिति के विषय में जाना। 

प्रदेश सरकार के प्रयासों के लिए श्रमिकों ने सीएम का जताया आभार  
श्रावस्ती के जय प्रकाश ने कहा कि सीएम योगी से मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है। उन्होंने जिस तरह हौसला बढ़ाया है उससे बहुत मोटिवेशन मिला है। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद पहले दिन टनल में बहुत मुश्किल हुई थी, लेकिन जब पता चला की बाहर सभी लोग उन्हें बाहर निकलने का प्रयास कर रहे हैं तो उम्मेद बांध गई थी। लखीमपुर खीरी के मंजीत ने कहा कि सीएम योगी से मुलाकात बहुत अच्छी रही। उनसे मिलकर बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। कभी नहीं सोचा था की एक दिन सीएम योगी से मिल सकूंगा। मिर्जापुर के अखिलेश कुमार ने कहा की योगी सरकार की ओर से उनकी सकुशल वापसी के जो प्रयास किए गए, उससे हम सभी बहुत खुश हैं। इससे पहले सीएम योगी से मुलाकात को लेकर सभी श्रमिक खासे उत्साहित नजर आ रहे थे।