
इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के चुनाव आयोग (Election Commission) ने देश के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (Pakistan Tehreek-E-Insaaf) तथा उसकी अपनी जांच समिति को नोटिस (Notice) जारी कर 22 मार्च को उनके समक्ष पेश होने और पार्टी को विदेश से मिले चंदे के दस्तावेज छुपाने के मामले में अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। मीडिया की खबरों में यह दावा किया गया है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के असंतुष्ट संस्थापक सदस्य अकबर एस बाबर द्वारा पार्टी के दस्तावेजों को गुप्त रखने के जांच समिति के फैसले के खिलाफ की शिकायत के बाद ये नोटिस जारी किए गए हैं। ‘जियो न्यूज’ की एक खबर के अनुसार, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) इरशाद क़ैसर की अध्यक्षता में पाकिस्तान के तीन सदस्यीय चुनाव आयोग (ईसीपी) की पीठ ने शिकायत पर सुनवाई की और नोटिस जारी किए।
खबर के अनुसार, बाबर के वकील अहमद हसन शाह ने पीटीआई के खातों को गुप्त रखने के जांच समिति के फैसले को चुनौती दी थी। उन्होंने दस्तावेज हासिल करने के लिए सूचना के अधिकार का इस्तेमाल किया है। इस कानून के तहत याचिकाकर्ता को दस्तावेज हासिल करने का अधिकार है।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि दस्तावेजों को गुप्त रखते हुए, ईसीपी की जांच समिति, जांच की शर्तों का उल्लंघन कर रही है, जिसके तहत दोनों पक्षों की उपस्थिति में जांच करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि समिति का गोपनीयता का आदेश गैरकानूनी है। इसके बाद, पाकिस्तान के चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए याचिकाकर्ता बाबर ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री खान को डर है कि बैंक की गोपीनय जानकारी सार्वजनिक होने पर, पीटीआई के खाते में अवैध रूप से आए अरबों रुपये का खुलासा हो सकता है।
गौरतलब है कि बाबर ने पार्टी के अंदर भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों पर खान के साथ मतभेद पैदा होने पर 2014 में ईसीपी के समक्ष विदेशी चंदे से जुड़ा मामला दर्ज कराया था।