गोंदिया. लंबी अवधि से शहर में बड़ी संख्या में ऐसी जर्जर इमारतें स्थापित हैं जो कभी भी धराशायी हो कर बड़े घातक परिणामों को विशेषत: जनहानि का कारण बन सकती हैं. नप में पिछले मुख्याधिकारी चंदन पाटिल के कार्यकाल में भी अनेकों बार इस संदर्भ में नागरिकों ने ध्यान आकर्षित करते हुए लिखित ज्ञापन भी दिए लेकिन न जाने क्यों उसे लेकर कभी कोई गंभीरता नहीं बरती गई.
गौशाला वार्ड में विधायक विनोद अग्रवाल के कार्यालय के पास सिविल लाईन निवासी दिलीप शिवनारायण अग्रवाल का मकान ऐसी जर्जर स्थिति में पहुंच गया था कि किसी भी क्षण धराशायी हो सकता था. जिसके गंभीर परिणाम निकल सकते थे. उस मकान को भी गिराने नागरिकों को भरपुर प्रयास करने पड़े.
ऐसा लगता था कि हमेशा की तरह फिर यह विषय नप प्रशासन की अनदेखी का कारण न बन जाए लेकिन नवपदस्थ मुख्याधिकारी करण चौहान ने इस गंभीरता को संज्ञान लेते हुए तत्काल आदेश देकर जेसीबी मशीन लगाकर इसे गिरवा दिया. इसे लेकर परिसर के नागरिकों ने राहत की सांस ली है.
मुख्याधिकारी चौहान अब पूरी तरह हरकत में आ गए हैं और इस मुद्दे पर सबकुछ करने की ठान कर उन्होंने 168 ऐसी जर्जर इमारतों को गिराने के नोटिस जारी कर दिए हैं. यदि नोटिस जारी करने के बाद भी कोई मालिक इमारत को नहीं ढहाता है तो प्रशासन द्वारा इमारत को गिराकर उसका पुरा खर्च मालिकों से वसुल करने की सूचना भी दी गई है. इसका पता तो आने वाले दिनों में ही चल पाएगा कि नप सीओ की यह सराहनीय पहल कहां तक सफल होती है ?