नई दिल्ली: एक बड़ी खबर के अनुसार भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने सोमवार को अपने इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन (Intranasal Covid Vaccine) की बूस्टर खुराक (Booster Dose) के लिए डीसीजीआई (DGCI) को चरण 3 क्लिनिकल परीक्षण आवेदन प्रस्तुत किया है। जो कोवाक्सिन (Covaxin)और कोविशील्ड (Covishield) टीकाकरण वाले लोगों को दिया जा सकता है। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को दी है।
Bharat Biotech has submitted phase 3 clinical trial application to DCGI for its booster dose of their intranasal Covid vaccine that can be given to Covaxin and Covishield vaccinated people: Source pic.twitter.com/Sao0TMvMcj
— ANI (@ANI) December 20, 2021
बायोटेक कंपनी द्वारा इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन के दूसरे चरण का परीक्षण पूरा करने के लगभग एक महीने बाद डेवलप किया गया है।बायोटेक कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने कहा था, यह बताते हुए कि यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा कि ” बहुत सारे नए प्रयोग होने जा रहा है, जिसके बारे में पश्चिमी दुनिया भी नहीं जानती है, और यही कारण है कि हम विवरण गोपनीय रख रहे हैं। नाक का टीका वायरस के संचरण को रोक सकता है।”
विशेषज्ञों के अनुसार, इंजेक्शन के माध्यम से इंट्रामस्क्युलर वैक्सीन प्रशासन एंटीबॉडी का उत्पादन करता है, लेकिन अभी भी संचरण का खतरा बना हुआ है। जिसे इंट्रानैसल विधि के माध्यम से ख़त्म किया जा सकता है।
28 दिन ओपन वायल पॉलिसी
स्वास्थ्य कर्मियों को शीशी खोलने और उसकी बर्बादी की चिंता करने की जरूरत नहीं है। यदि मरीज उपलब्ध नहीं हैं, तो वे बस खुली हुई शीशी को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर कर सकते हैं। और अगले दिन इसका इस्तेमाल कर सकते हैं या इसे 28 दिनों तक स्टोर कर सकते हैं ।
28 days open vial policy: Health care workers do not have to worry about opening a vial and its wastage. If patients are not available, they can simply store the opened vial at 2 to 8°C, and use it the next day or store it up to 28 days: Bharat Biotech pic.twitter.com/1whoMuv3B1
— ANI (@ANI) December 20, 2021
नए स्वरूपों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने के लिए टीकों में बदलाव
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि वायरस के नए स्वरूपों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोविड-19 रोधी टीकों में ‘‘बदलाव” किया जा सकता है। उन्होंने यह टिप्पणी कोविड-19 के नये स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर चिंताओं के मद्देनजर आयी है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, यह कोविड-19 का एक नया स्वरूप है, लेकिन उम्मीद की किरण यह है कि यह एक हल्की बीमारी लगती है और जहां तक टीके का सवाल है तो हमारे पास सुरक्षा होनी चाहिए।
मुझे लगता है कि यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि टीके में बदलाव किए जा सकते हैं। हमारे पास दूसरी पीढ़ी के टीके होंगे। यह एक ऐसी चीज है जिसे हमें ध्यान में रखने की जरूरत है। मौजूदा टीके प्रभावी हैं, लेकिन नए स्वरूप के साथ, उनकी प्रतिरक्षा में कमी आएगी, हालांकि टीकों में बदलाव किया जा सकता है।”