नई दिल्ली. जहां एक तरफ अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) की ताइवान यात्रा से भड़का चीन (China), अब और भी आक्रामक होता जा रहा है। वहीं उसने बीते गुरुवार को ताइवान (Taiwan) की घेराबंदी के लिए कड़ा युद्धभ्यास शुरू किया। इधर तोक्यो पहुंच अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने शुक्रवार को कहा कि चीन, अमेरिकी अधिकारियों को ताइवान की यात्रा करने से रोककर स्व-शासित द्वीप को अलग-थलग नहीं करेगा।
They may try to keep Taiwan from visiting or participating in other places but they’ll not isolate Taiwan by preventing us to travel there…We will not allow them to isolate Taiwan. They’re not doing our travel schedule, the Chinese Govt is not doing that: Nancy Pelosi, in Japan pic.twitter.com/WTUgrz5nL8
— ANI (@ANI) August 5, 2022
गौरतलब है कि उन्होंने अपनी एशियाई यात्रा के अंतिम चरण में तोक्यो में यह टिप्पणी की है। वहीं पेलोसी ने चीन के कड़े विरोध के बावजूद भी ताइवान की यात्रा की है। इधर युद्धभ्यास में चीन ने पांच मिसाइलें दागीं, जो जापान के इईजेड में जाकर गिरीं। इसका जापान ने अब कड़ा विरोध जताया है। वहीं चीन के 22 विमानों ने एक बार फिर ताइवार के वायु रक्षा क्षेत्र में प्रवेश किया है।
The Chinese made their strikes,probably using our visit as an excuse. They’ve tried to isolate Taiwan, keeping them most recently from World Health Org by not even letting their participation beyond their agency of World Health Agency that makes these determinations: Nancy Pelosi pic.twitter.com/ydzAoxAUpA
— ANI (@ANI) August 5, 2022
इधर जापान पहुंची पेलोसी ने कहा, चीन ने मेरे ताइवान दौरे को एक बहाने के रूप में इस्तेमाल किया और हमले शुरू किए गए हैं। हम यहां एशिया में ताइवान की यथास्थिति बदलने के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका-ताइवान संबंध की वजह से आए हैं। लेकिन इतना पक्का है कि चीन मेरी यात्रा का कार्यक्रम नहीं तय करेगा।
गौरतलब है कि पेलोसी 25 वर्षों में ताइवान की यात्रा करने वाली अमेरिकी संसद की पहली अध्यक्ष हैं। पेलोसी ने बुधवार को ताइपे में कहा था कि स्व-शासित द्वीप तथा दुनिया में कहीं भी लोकतंत्र के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता ‘अटल’ है। पेलोसी और कांग्रेस के पांच अन्य सदस्य सिंगापुर, मलेशिया, ताइवान और दक्षिण कोरिया की यात्रा करने के बाद बृहस्पतिवार देर रात तोक्यो पहुंचे।
ताइवान पर अपना दावा जताने वाले चीन ने पेलोसी की यात्रा को बस एक उकसावा बताया था और बीते गुरुवार को ताइवान के आसपास के 6 क्षेत्रों में मिसाइल दागने समेत सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया था। उसने धमकी दे रखी है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह ताइवान पर बलपूर्वक कब्जा भी जमा लेगा। वहीं जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने चीनी मिसाइलों को अब एक गंभीर समस्या बताया है। उन्होंने कहा है कि, यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर समस्या है। गौरतलब है कि चीनी सैन्य युद्धभ्यास में चीन ने पांच मिसाइलें दागीं, जो जापान के इईजेड में जाकर गिरीं थीं।