- पुलिस का सिरदर्द बढा
- अप्रैल की तुलना में हुई वृद्धि
वर्धा. लॉकडाउन चार में शिथिलता के बाद सडकों पर नागरिकों की भीड़ बढ गई. वहीं दुसरी ओर अपराधिक मामले भी बढ गए . अप्रैल माह में जहां 196 प्रकरण दर्ज हुए थे़ जो लॉकडाउन में ढिलाई के बाद मई में बढकर 264 दर्ज हुए है़ इसमें हत्या, चोरी, अत्याचार, हत्या का प्रयास सहित अन्य घटनाओं का समावेश है.अपराधिक वारदातों में वृध्दि से पुलिस का टेंशन बढ गया है़
कोरोना के फैलाव पर रोक लगाने सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर दिया.परिणामवश 23 मार्च के बाद से नागरिकों पर घर बैठने की नौबत आ गई. इससे लोग घरों में एवं पुलिस 24 घंटे सडक पर, यह स्थिति होने से अपराधिक घटनाओं पर भी अंकुश लगा था़ लॉकडाउन के दौरान घरेलु हिंसा बढी, किन्तु अधिकांश विवाद घर में ही निपट गए. अप्रैल में विनयभंग के 14 तो अत्याचार का एक भी मामला दर्ज नही़ वहीं मई में विनयभंग के 13 तथा अत्याचार के 5 मामले दर्ज हुए है़ लॉकडाऊन में ढिलाई के बाद वारदातों में वृद्धि होकर मई में 264 अपराधिक मामले दर्ज हुए है.गर्मी के दिनों में लोग अक्सर घुमने निकलते है़ इसका लाभ उठाकर चोर अपने हाथ की सफाई दिखाते है़ लॉकडाऊन के कारण नागरिक अपने घरो में होने से चैन स्नेचिंग, चोरी, लूटपाट जैसी घटनाओ को ब्रेक लगा. लॉकडाऊन के दौरान कुछ प्रतिष्ठानों को चोरो ने अपना निशाना बनाया़ देखा जाए तो 2019 की तुलना में 2020 में कम मामले दर्ज हुए है़ अप्रैल 2019 में 258 तथा मई 2019 में 282 मामले दर्ज हुए थे़ परंतु अब लॉकडाउन शिथिल होने से नागरिकों की भिड अधिक बढ गई़ परिणामवश अपराधिक वारदाते भी बढती दिखाई दे रही़
शराब के 636 प्रकरण
लॉकडाउन ने अवैध शराब बिक्री की पोल खोल दी़ पुलिस ने सैकडो शराब भट्टिया उध्वस्त कर दी़ अप्रैल माह में करीब 337 मामलों में 1 करोड 3 लाख का माल जब्त कर 388 आरोपियों को हिरासत में लिया गया़ वहीं मई में 299 मामलो में 38 लाख 77 हजार का माल जब्त कर 360 आरोपियों को हिरासत में लिया़
प्रकरण लॉकडाऊन में ढिलाई के बाद
(अप्रैल) (मई)
हत्या 02 04
हत्या प्रयास 01 04
लूटपाट 01 00
चोरियां 45 49
विनयभंग 13 14
अत्याचार 00 05
धोखाधडी 03 04
अपहरण 04 11
मारपीट 100 126
अन्य मामले 26 49
———————————
कुल : 196 264