किसान संगठनों का ऐलान, 18 फ़रवरी को करेंगे रेल रोको आंदोलन

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    नई दिल्ली: कृषि कानून (Agriculture Bill) को लेकर पिछले 80 दिनों से किसान संगठन आंदोलन (Farmer Organization) कर रहे हैं। वह लगातार सरकार उक्त कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। इसी क्रम में सरकार पर दवाब बनाने के लिए किसान संगठनों ने 18 फ़रवरी को रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है। बुधवार को सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर आयोजित प्रेस वार्ता में संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के नेता दर्शनपाल सिंह (Darshan Pal Singh) ने इस बात की जानकारी दी। 

    डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ़ इंडिया के प्रमुख पाल ने कहा, “16 फरवरी को किसान सर छोटूराम की जयंती पर देशभर में एकजुटता दिखाएंगे। इसी के साथ पूरे देश में रेल रोको कार्यक्रम 18 फरवरी को 12 से 4 बजे तक आयोजित किया जाएगा।”

    राजस्थान के सभी टोल होंगे फ्री

    दर्शनपाल ने आगे कहा, “12 फरवरी से राजस्थान के सभी टोल प्लाजा को टोल फ्री कर दिया जाएगा। इसी के साथ 14 फरवरी को देशभर में कैंडल मार्च, ‘माशाल जूलूस’ और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें पुलवामा हमले में शहीद सैनिकों के बलिदान को याद किया जाएगा।”

    भाजपा के विधायक पार्टी छोड़े 

    दर्शन पाल सिंह ने कहा, “हम हरियाणा सरकार में शामिल BJP और JJP के विधायकों से कहेंगे  कि या तो आप हमारे आंदोलन का साथ दीजिए या फिर सरकार का साथ छोड़ दीजिए। इसके साथ हमने राजस्थान के लोगों से कहा है कि सारे टोल प्लाजा को खोल दिया जाए.”

    आंदोलनजीवियों ने आंदोलन को किया अपवित्र

    इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में किसान आंदोलन पर बयान दिया। इस दौरान उन्होंने आंदोलन के नाम पर राजनीति और हिंसा करने वालों पर जमकर हमला बोला। प्रधानमंत्री ने कहा, “किसान आंदोलन को मैं पवित्र मानता हूं। भारत के लोकतंत्र में आंदोलन का महत्व है। लेकिन आंदोलनजीवियों ने इस पवित्र आंदोलन को अपवित्र कर दिया है। जनता को आंदोलनकारी और आंदोलनजीवियों में फर्क समझना पड़ेगा।”