नई दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने शनिवार को कहा कि राज्य को सामाजिक अल्पसंख्यक या संख्यात्मक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के साथ खड़े रहना चाहिए ताकि सभी नागरिक लोकतंत्र में खुद को स्वतंत्र महसूस कर सकें।
यहां न्यायमूर्ति केशव चंद्र धूलिया स्मृति निबंध प्रतियोगिता में सीजेआई ने कहा कि लोकतंत्र में बहुमत की बात मानी जाती है, लेकिन अल्पसंख्यक का पक्ष भी सुना जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में सभी नागरिकों को स्वतंत्र महसूस करने के लिए, राज्य को सामाजिक अल्पसंख्यक या संख्यात्मक रूप से कमजोर वर्ग का पक्ष लेना चाहिए। देखने में शुरू में यह बहुमत शासन के लोकतांत्रिक सिद्धांत के विपरीत प्रतीत हो सकता है। बहरहाल, बहुमत का महज शासन सरकार के विभिन्न स्वरूप स्थापित कर सकता है।”
सीजेआई ने कहा, ‘‘लोकतंत्र की खूबसूरती है कि यहां के आम नागरिक नैतिकता की भावना के साथ देश में अपनी भागीदारी सुनिशिचत कर सकते हैं और निर्णयों पर अपनी सहमति दे सकते हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में बहुमत की बात मानी जाती है, लेकिन अल्पसंख्यक का पक्ष भी सुना जाना चाहिए।” (एजेंसी)