नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गया. जिसमे मुद्रा लोन ब्याज़ कटौती, सहकारी बैंक (corporative bank), इसरो में निजी क्षेत्र को शामिल करने जैसे निर्णय शामिल है. जिसकी जानकारी केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ऑनलाइन प्रेस मीट से दी.
मंत्री द्वारा दी गई जानकरी के अनुसार:
- हमने अच्छी अंतरिक्ष संपत्ति का निर्माण किया है, ये अब एक तरह से सभी के उपयोग के लिए खोले जा रहे हैं
- 1482 शहरी सहकारी बैंकों और 58 बहु-राज्य सहकारी बैंकों सहित सरकारी बैंकों को अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की पर्यवेक्षी शक्तियों के तहत लाया जा रहा है, RBI की शक्तियां जैसे ही वे अनुसूचित बैंकों पर लागू होती हैं, सहकारी बैंकों के लिए भी लागू होंगी
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने की मंजूरी दी.
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अन्य पिछड़ा वर्ग के भीतर उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत गठित आयोग के कार्यकाल के विस्तार को 6 महीने तक, 31.1.2021 तक बढ़ा दिया है.
- RBI के पर्यवेक्षण में 1,540 सहकारी बैंकों को लाने का निर्णय, इन बैंकों में 8.6 करोड़ से अधिक जमाकर्ताओं को आश्वासन देगा कि उनकी राशि 4.84 लाख करोड़ रुपये तक सुरक्षित रहेगी.
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पात्र ऋण लेने वालों को 12 महीने की अवधि के लिए 31 मार्च, 2020 तक, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत शिशु ऋण श्रेणी के उधारकर्ताओं के लिए 2% की ब्याज सबवेंशन के लिए एक योजना को मंजूरी दी है.
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पशुपालन अवसंरचना विकास निधि की स्थापना को मंजूरी दी. पात्र लाभार्थियों को सरकार 3% ब्याज उपदान देगी
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष, संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र के रूप बनाई नई कंपनी
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने कहा, ‘एक नई संस्था बनाई गई है। इसे भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष, संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र के रूप में जाना जाएगा। यह एक अनुकूल विनियामक वातावरण में पारिस्थितिक नीतियों के माध्यम से अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी उद्योगों का मार्गदर्शन करेगा.
उन्होंने कहा, ‘ष्ट्रीय अंतरिक्ष, संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र एक नई संस्था नहीं है, लेकिन इसकी भूमिका इसरो में बढ़ा दी गई है। यह अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक नया मोड़ है। वे एक दूसरे के काम के पूरक होंगे जो वे क्रॉस उद्देश्यों पर काम नहीं करेंगे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘संगठन है – जो भी गतिविधियाँ, परियोजनाएँ या मिशन किए जाते हैं, यह तय करने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा. लेकिन यह नई सुविधा खाई को भरने और डिमांड मोड को पूरा करने के लिए पेश की गई है.’