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नई दिल्ली. भारत (India) और चीन (China) की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में जारी गतिरोध को हल करने के लिए DBO और चुशूल में मेजर जनरल स्तर की वार्ता की। दोनों स्थानों पर भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व मेजर जनरल पीके मिश्रा और मेजर जनरल हरिहरन ने किया। डेपसांग प्लेन्स और CNN जंक्शन पर मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत हुई। यह जानकारी शुक्रवार को रक्षा सूत्र ने दी।

आज की बातचीत 19वीं भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक के कुछ दिनों बाद हुई। वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेह-मुख्यालय वाली 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशिम बाली ने किया। 13 और 14 अगस्त को कमांडर स्तर की बैठक चार महीने बाद हुई। 18वें दौर की सैन्य वार्ता 23 अप्रैल को हुई थी जिसमें भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने की वकालत की थी।

19वीं कमांडर-स्तरीय बैठक के बाद विदेश मंत्रालय (MEA) और चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से एक संयुक्त बयान जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि शेष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने और सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत और बातचीत की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए हैं। साथ ही दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीन पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, गोगरा (PP-17A) और हॉट स्प्रिंग्स (PP-15) से सैनिकों की वापसी के बावजूद भारतीय और चीनी सेनाओं ने वास्तविक रेखा (LAC) पर हजारों सैनिकों और उपकरणों को बनाए रखना जारी रखा है।

भारत पूर्वी लद्दाख सेक्टर में अप्रैल 2020 की यथास्थिति बहाल करने की मांग कर रहा है। भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के कुछ बिंदुओं पर तीन साल से अधिक समय से टकराव की स्थिति में हैं, हालांकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है।