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नई दिल्ली: एक बड़ी खबर के अनुसार, पतंजलि (Patanjali) के भ्रामक विज्ञापनों के प्रकाशन के मामले में अब योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण (Balkrishna) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बिना शर्त माफी मांगी है। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि आपको ( रामदेव और बालकृष्ण) यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि आपके पवित्र वचन के संबंध में हलफनामा दायर किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार
वहीं इस भ्रामक विज्ञापन मामले में नया हलफनामा दाखिल करने के लिए अधिक समय दिए जाने संबंधी पतंजलि की याचिका पर कोर्ट ने कहा कि कभी-कभी चीजों को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचना चाहिए। यह पूरी तरह से अवज्ञा है, केवल सुप्रीम कोर्ट ही नहीं, देश भर की सभी अदालतों द्वारा पारित हर आदेश का सम्मान किया जाना चाहिए।

बाबा रामदेव और बालकृष्ण को आखिरी मौका
सुप्रीम कोर्ट का यह भी कहना है कि उसे रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ भी झूठी गवाही का मामला शुरू करना होगा।

आज कोर्ट ने कहा कि, ऐसा कहा गया है कि दस्तावेज़ (शपथ पत्र के साथ) संलग्न किए गए हैं, लेकिन इस बाबत दस्तावेज़ बाद में बनाए गए हैं। यह झूठी गवाही का स्पष्ट मामला है। हम आपके लिए दरवाजे बंद नहीं कर रहे हैं बल्कि हम वह सब बता रहे हैं जो हमने नोट किया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को एक हफ्ते के भीतर नया हलफनामा दाखिल करने का आखिरी मौका दिया।

क्या है मामला
गौरतलब है कि, पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों मामले को लेकर हाल ही में कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट ने तलब किया था। इसके साथ ही जस्टिस हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि, आयुर्वेदिक कंपनी पतंजलि ने भ्रामक विज्ञापनों के लगातार प्रकाशन पर जारी अवमानना नोटिस का जवाब नहीं दिया है। बीते साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दिए गए आश्वासन का उल्लंघन करने पर 27 फरवरी को पीठ ने आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू की गई थी।