कोलोराडो कोर्ट का ट्रंप को झटका, अब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद

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अमेरिका (America) के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अगले साल नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार नहीं बन सकेंगे. कोलोराडो राज्य के सुप्रीम कोर्ट ने 4-3 के बहुमत से अमेरिकी संविधान के विद्रोह खंड के तहत ट्रंप को राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य घोषित करते हुए उन्हें स्टेट के राष्ट्रपति पद के प्राथमिक बैलेट से हटा दिया है. अमेरिकी इतिहास में पहली बार है कि 14वें संशोधन की धारा 3 का उपयोग राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को अयोग्य ठहराने के लिए किया गया है.

ये धारा विद्रोह या विद्रोह में शामिल अधिकारियों को पद संभालने से रोकती है. कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला यूएस कैपिटल पर 6 जनवरी 2021 को हुए प्रदर्शन और हमले के संदर्भ में दिया है. जिसमें अदालत ने पाया कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अपने समर्थकों को उकसाने में भूमिका थी. जिसके बाद उनको अगले साल राज्य के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. डोनाल्ड ट्रंप के वकीलों ने फैसले के खिलाफ अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की बात कही है.

कई राज्यों में केस दर्ज

डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कई राज्यों में केस दर्ज हैं. जिसमें उनके राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर रोक की मांग की गई है. कोलोराडो के सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है, वह छह याचिकाकर्ताओं की अर्जी पर आया है. जिन्होंने सितंबर में ट्रंप को 2024 के चुनाव में बैलेट से रोकने के लिए मुकदमा दायर किया था. इस अर्जी में डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव हारने के बाद अपने समर्थकों को भड़काने और उनको यूएस कैपिटल पर हमले के लिए उकसाने के आरोप लगाए थे. अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी अमेरिका की राजधानी में हुई हिंसा की जांच कर रही है. ट्रंप पर गुप्त दस्तावेजों को गलत तरीके से संभालने और कारोबारी दस्तावेजों में झूठ बोलने के आरोप में भी मुकदमा चल रहा है. इसके खिलाफ मुकदमे टेक्सास, नेवाडा और विस्कांसिन सहित 13 राज्यों में लंबित हैं.

रामास्वामी ने नाम वापस लिया

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के भारतीय अमेरिकी उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अयोग्यता वापस न लिए जाने की स्थिति में कोलोराडो प्राथमिक मतदान से अपना नाम वापस लेने की प्रतिज्ञा की है. रामास्वामी का यह कदम कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवार को ट्रंप को राष्ट्रपति पद के प्राथमिक चुनाव में भाग लेने से प्रतिबंधित करने के बाद आया है. रामास्वामी ने अपने रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के प्रतिद्वंद्वी के समर्थन में दृढ़ता से आगे आते हुए एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘यह लोकतंत्र पर वास्तविक हमले का उदाहरण है. यह अमेरिकी की प्रकृति और संविधान के विरुद्ध और अभूतपूर्व निर्णय है. डेमोक्रेट न्यायाधीशों का एक समूह कोलोराडो में ट्रंप को रोक रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘ट्रंप को प्रांत की चुनाव प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति नहीं देने की स्थिति में मैं कोलोराडो जीओपी प्राइमरी से हटने की प्रतिज्ञा करता हूं.’ इसके अलावा, 38 वर्षीय उद्यमी ने अपने साथी रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों- रॉन डेसेंटिस, क्रिस क्रिस्टी और निक्की हेली से भी तुरंत ऐसा करने का आग्रह किया.

कोलोराडो का मुकदमा ट्रंप के विरोधी 6 रिपब्लिकन और निष्पक्ष मतदाताओं ने दायर किया है. अब सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर है कि वह मार्च 2024 में कोलोराडो में होनेवाले प्राइमरी चुनावों के पेपर वर्क के पहले यह मुकदमा लेता है. सुप्रीम कोर्ट पहले ही राष्ट्रपति बाइडेन के विशेष वकील जैक स्मिथ के इस निवेदन पर विचार कर रहा है कि वह ट्रंप के मामले को जल्द निपटाए. ट्रंप ने दावा किया है कि उन पर बाइडेन की जीत में व्यवधान डालने के आरोप में मुकदमा नहीं चलाया जा सकता. तब उन्हें छूट (इम्युनिटी) प्राप्त थी. अब ट्रंप का भाग्य पूरी तरह अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के हाथों में है. सुप्रीम कोर्ट के 2 जज ऐसे हैं जिन्हें टंप ने मनोनीत किया था.

बाइडेन विरोधी भी सक्रिय

बाइडेन विरोधियों के टेक्सास स्थित समूह ने चेतावनी दी कि उनका राज्य बाइडेन का मताधिकार रद्द करने की मांग करते हुए बदला लेगा. टेक्सास के रिपब्लिकन गवर्नर डैन पैट्रिक ने कहा कि बाइडेन ने 80 लाख लोगों को मेक्सिको सीमा पार कर आने की अनुमति देक हमारे राज्य को बरबाद किया.