कुशल सेल्समैन की तरह सैन्य सामग्री बेचकर चले गए ट्रम्प

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मुक्त व्यापार समझौते को भविष्य के लिए लटकाते हुए भारत के साथ 21.5 हजार करोड़ रुपए के रक्षा सौदे को मंजूरी दे दी, जिसके तहत भारत को 24 मल्टीरोल एमएच-60 रोमियो

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मुक्त व्यापार समझौते को भविष्य के लिए लटकाते हुए भारत के साथ 21.5 हजार करोड़ रुपए के रक्षा सौदे को मंजूरी दे दी, जिसके तहत भारत को 24 मल्टीरोल एमएच-60 रोमियो हेलीकाप्टर तथा 6 अपाचे एएच 64ई हेलीकाप्टर मिलेंगे. विश्व के सबसे बढ़िया रोमियो हेलीकाप्टर का उपयोग अमेरिकी नौसेना करती है. वह दुश्मन के जहाजों व पनडुब्बियों का पता लगाकर उन्हें अपने टारपीडो और मिसाइल से नष्ट कर सकता है. हिंद महासागर में चीन की नौसेना की हलचलों को देखते हुए इन हेलीकाप्टरों का महत्व है. अपाचे हेलीकाप्टर भी हवा से हवा में मार करने वाले स्टिंगर मिसाइल से लैस होंगे. ट्रम्प व मोदी के संयुक्त वक्तव्य में रक्षा, आतंकवाद, अफगानिस्तान छाए रहे. ट्रम्प की यात्रा से भारत को उम्मीद थी कि व्यापार घाटे को संतुलित करने के बारे में कोई आश्वासन मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को अनिश्चित काल के लिए टाल दिया और कहा कि भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ है. वास्तव में ट्रम्प नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव में अपनी जीत पक्की करने की मुहिम के तहत भारत आए थे. उन्हें अहमदाबाद दौरे और नमस्ते ट्रम्प के शानदार आयोजन से फायदा होना निश्चित है. ट्रम्प को चुनाव में गुजराती व्यापारी सहयोग दे सकते हैं. भारतीय उद्योगपतियों से चर्चा के दौरान भी ट्रम्प ने कहा कि वे अमेरिका में अधिकतम निवेश करें. ट्रम्प ने यह भी संकेत दिया कि भारत से निकट संबंधों के लिए उनका फिर से चुना जाना जरूरी है. गुजरात के व्यापारी भी ट्रम्प को चुनाव में सहयोग कर सकते हैं. ट्रम्प का दोहरा रवैया इस बात से समझ में आया कि उन्होंने आतंकवाद पर कड़ी टिप्पणी करने के बावजूद पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को अपना अच्छा मित्र बता डाला. जहां तक व्यापार संबंधों या ट्रेड डील की बात है, ट्रम्प यदि फिर से चुनाव जीते तो उस दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है. वे भारत में अमेरिका के डेयरी, पोल्ट्री, कृषि उत्पादों का निर्यात करने तथा भारत से अमेरिकी सामान पर टैरिफ कम करवाने का उद्देश्य रखते हैं.