Yashasvi Jaiswa
यशस्वी जायसवाल

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नवभारत स्पोर्ट्स डेस्क: इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की घरेलू टेस्ट श्रृंखला (IND vs ENG Test Series) के पहले मैच में भारत की हार के बाद टीम की बल्लेबाजी पर सवाल उठे थे, लेकिन दूसरे और तीसरे टेस्ट मैच में टीम के युवा बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन किया। भारतीय टीम (Team India) ने श्रृंखला में 2-1 की बढ़त बना ली है। इस श्रृंखला के दौरान यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने खुद को आक्रामक सलामी बल्लेबाज के तौर पर स्थापित किया और लगातार दो दोहरे शतक जड़कर इस 22 साल के खिलाड़ी ने साबित किया कि वे लंबी रेस के घोड़े हैं।

जायसवाल ने बचपन के दिनों से काफी संघर्ष किया है और उनके खेल में रनों की भूख दिखती है। राजकोट में उन्होंने अपनी पारी की शुरुआत में धैर्य से बल्लेबाजी की और क्रीज पर समय बिताने के बाद बेखौफ होकर बड़े शॉट लगाये। अनुभवी जेम्स एंडरसन के खिलाफ तीन छक्के उनके आत्मविश्वास की कहानी बयां करते हैं। उन्होंने दिखाया कि वह जरूरत के मुताबिक रक्षात्मक और आक्रामक दोनों शैली में सहजता से खेल सकते है। राजकोट टेस्ट में पदार्पण करने वाले सरफराज खान और विकेटकीपर ध्रुव जुरेल ने भी अपने खेल से प्रभावित किया।

सरफराज ने दोनों पारियों में अर्धशतक जड़कर टीम में शामिल होने का जश्न मनाया तो वहीं जुरेल ने पहली पारी में 46 रन बनाकर बेहतर बल्लेबाजी का सबूत दिया। जुरेल को हालांकि स्पिनरों की मददगार पिचों पर अपने विकेटकीपिंग कौशल को थोड़ा और निखारने पर काम करना होगा। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा भी इन तीनों युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन से प्रभावित दिखे। उन्होंने इन तीनों की तस्वीर को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, ‘‘ये आजकल के बच्चे।”

लंबे समय से राष्ट्रीय टीम का दरवाजा खटखटा रहे सरफराज को दिग्गज विराट कोहली और लोकेश राहुल की गैरमौजूदगी में जब मौका मिला तो उन्होंने अपनी पारी की पहली ही गेंद से पूरा आत्मविश्वास दिखाया। यह लंबे समय से घरेलू क्रिकेट में उनके लगातार अच्छे प्रदर्शन का परिणाम था। भारतीय बल्लेबाज आम तौर पर स्वीप शॉट खेलने से बचते हैं लेकिन सरफराज ने अपने ज्यादातर रन इसी शॉट पर बनाये। उन्होंने स्पिनरों के खिलाफ इस शॉट का प्रभावी इस्तेमाल किया।

जुरेल विकेटकीपर के तौर पर पहली पारी में स्पिनरों के खिलाफ कई बार असहज दिखे लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने अच्छी वापसी की। इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज बेन डकेट को उन्होने शानदार प्रयास के साथ रन आउट किया। इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने भी जायसवाल की तारीफ की। कप्तान बेन स्टोक्स इस बल्लेबाज का पीठ थपथपाते दिखे तो वहीं डकेट ने उन्हें ‘भविष्य का सितारा’ करार दिया। 

बचपन में आजाद मैदान के टेंट में रात बिताने वाले जायसवाल ने कहा कि भारत में कुछ भी आसानी से नहीं मिलता है। इस मेहनत ने उन्हें बड़ी पारी खेलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में आप वास्तव में कड़ी मेहनत करते हैं। यहां तक ​​कि जब आप बस, ट्रेन या परिवहन के किसी भी साधन को पकड़ने जाते हैं, तो आपको वास्तव में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। मैंने बचपन से ऐसा किया है और मैं जानता हूं कि हर पारी कितनी महत्वपूर्ण है।” 

अपने छह टेस्ट में तीन शतक लगाने वाले इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘इसलिए मैं अभ्यास में कड़ी मेहनत करता हूं क्योंकि मैं जानता हूं कि हर पारी मायने रखती है। मेरे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा अपने देश के लिए खेलना है और मुझे पता है कि मुझे अपना 100 प्रतिशत देने की जरूरत है।” जायसवाल ने लगातार अच्छे प्रदर्शन से टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है तो वहीं सरफराज और जुरेल को आने वाले मैचों में प्रदर्शन की इस निरंतरता को जारी रखनी होगी। 

(एजेंसी)