अकोला. कोरोना के मरीजों की संख्या कम होते हुए अब जीका वायरस ने ने केरल में एन्ट्री की है. उस तर्ज पर बचाव की दृष्टि से स्वास्थ्य विभाग ने जिले में छिड़काव के निर्देश दिए है. नागरिकों ने आवश्यक सावधानी बरतने का आहवान उप संचालक डा. राजकुमार चव्हान ने किया है. जीका यह मच्छर द्वारा फैलनेवाला एक वायरसजन्य बीमारी है.
वह सन 1947 को युंगाडा देश के कुछ बंदरों में पाया गया. उसके बाद सन 1952 को युंगाडा और टांजानिया देश में यह बीमारी पहली बार मानवों में दिखाई दिया. जीका वायरस यह फ्लैवी वायरस प्रजाती का है, वह एडिस मच्छर से फैलता है. अभी भारत में केरल में जीका वायरस के 13 मरीज पाए गए है. जिससे फिर से एकबार सावधानी बरतना आवश्यक हुआ है.
यह है लक्षण
बुखार आना, बदन पर रैश आना, आंखे आना, जोड़ व मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी और सिरदर्द बढ़ना आदि लक्षण है.
उपचार पद्धति में
मरीज ने विश्रांती लेनी चाहिए, निर्जलीकरण टालने के लिए द्रव पदार्थ का सेवन करें, बुखार के लिए पैरासिटामॉल औषधि का उपयोग करें, एस्पिरीन व एनएसएआईडी प्रकार की औषधियों का उपयोग ना करें.