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कारंजा-घाड़गे (त. सं.). नगर पंचायत में दमकल वाहन की प्रलंबित मांग के लिये कारंजा नागरी समस्या संघर्ष समिति की अगुवाई में नागरिकों ने नपं के समक्ष घंटानाद आंदोलन किया कर प्रशासन का ध्यान खींचा. ‘आग सोमेश्वरी, बंब रमेश्वरी’ ऐसी कारंजा शहर व तहसील के गांवों की हालत बनी है. कारंजा तहसील बने 30 वर्ष पूर्ण हो गए है़. परंतु अब तक बिना दमकल वाहन के यहां काम चल रहा है. नगरपंचायत की स्थापना को 8 वर्ष पूर्ण हुए हैं, परंतु आज भी दमकल वाहन यंत्रणा की प्रतिक्षा नागरिकों को है.

कारंजा शहर के साथ तहसील में इसके पहले कई बार आगजनी की घटना घटी़ शहर का विस्तार होने के साथ ही संवेदनशील स्थलों को ध्यान में रखते हुए नगरपंचायत की ओर दमकल यंत्रणा व मनुष्यबल का अभाव देखने मिल रहा है. अगर कहीं आग लगी तो आर्वी अथवा आष्टी से दमकल वाहन बुलाने की नौबत आती है. यहां से वाहन पहुंचने तक आग में सब कुछ जलकर खाक हो जाता है. ऐसे में कई बार बड़ी अनहोनी का सामना करना पड़ता है. कारंजा शहर में बड़ा मार्केट है, स्कूल, कालेज है. इस संस्थाओं में प्रयोगशाला है.

प्रयोग शाला में ज्वलनशील पदार्थ होते हैं अस्पताल है कई सरकारी कार्यालय व बैंक है व कपास संकलन व प्रक्रिया केंद्र है कृषि उपज बाजार समिति, सिलेंडर का गोदाम, मंगल कार्यालय है साथ ही शहर से नेशनल हाईवे भी गुजरता है. किसी भी समय कही पर भी आग लगने की घटना सामने आने पर समय रहते राहत नहीं मिल पाती़ ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिये दमकल वाहन नपं की ओर उपलब्ध ही नहीं है.

साढ़े 3 वर्ष पहले से की जा रही मांग

इस समस्या पर कारंजा नागरी समस्या संघर्ष समिति ने साढ़े तीन वर्ष पहले 29 मई 2020 में एक ज्ञापन सौंपा था. दमकल वाहन की मांग की थी. इसके बाद 18 अक्टूबर 2023 को नगरपंचायत प्रशासन को स्मरण पत्र भी सौंपा. संचालक महाराष्ट्र दमकल सेवा संचालनालय, मुंबई की ओर दमकल वाहन के लिये मांग की़ एक वर्ष से मांग प्रलंबित है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सोमवार, 15 जनवरी को समिति की अगुवाई में वरिष्ठ नागरिक व शहरवासियों ने नपं के सामने घंटानाद आंदोलन किया. इसमें समिति पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे.