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प्रतीकात्मक तस्वीर

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अमरावती. आगामी 14 मार्च से राज्य कर्मचारियों व्दारा विविध मांगों को लेकर राज्यव्यापी बेमियादी हडताल आंदोलन किया जा रहा है. इस आंदोलन में जिला माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूल के शिक्षकेत्तर कर्मचारी संगठन का समर्थन एवं सहभाग होगा. राज्य के निजी मान्यता प्राप्त माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की मांगे शासन स्तर पर प्रलंबित है. 

कोरोना काल में की सेवा

इन कर्मचारियों ने कोरोना काल में बेहतरीन सेवा देने का प्रयास किया. शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों के साथ शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का महत्व है. किंतु इन कर्मचारियों को 1 नवंबर 2005 से पुरानी पेंशन योजना लागू करने, 24 साल की सेवा देने वाले कर्मचारियों को दूसरा लाभ देने, सरकारी कर्मचारियों की भांति बक्षी समिति के खंड 1 में शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को मंजूर 10,20,30 का लाभ दिया जाये, अर्जित अवकाश की कालमर्यादा को बढ़ाया जाए, प्रलंबित मांगों को तत्काल पूर्ण करें, बिना अनुदानित टुकडियों की विद्यार्थी संख्या शिक्षकेत्तर पद अनुसार मंजूर करें, पदभर्ती का लाभ दिया जाये.

चतुर्थ श्रेणी पद नष्ट न करें

चतुर्थ श्रेणी पद नष्ट न करें, यह मांगें फिर एक बार शासन दरबार में रखी जायेंगी. 14 मार्च से आरंभ होने वाले इस आंदोलन में ज्यादा से ज्यादा संख्या में शामिल होने का आवाहन म.रा. शिक्षकेत्तर महासंघ के कार्याध्यक्ष केशव पाटिल, जयंत भोपत, राजकुमार चैनानी, जोस्त्ना कडू, संजय बुरघाटे, प्रवीण बारब्दे, संजय भोंबे, ज्ञानेश्वर लांडगे, सागर वाघमारे, बालू वानखडे, अरूण मोहोड, विकास दिवे, दिवाकर आष्टीकर, सुनील भागवत, वासुदेव तिजारे, श्याम नावंदर, जितेंद्र टावरी, राहुल कालीकर, राजू मसराम, नुरूद्दीन अली, रमेश सालपे, अलका खाडे, विद्या फसाटे, राजेश भूते, सदानंद वाकोडे, रामकृष्ण ठाकरे,गजानन चव्हाण, किशोर शेगोकार, डी.डी. अग्रवाल, प्रवीण इंगोले, चौधरी, अलका खांडे, संजय कातडे, नंदलाल चंचलानी, मयूर चैनानी, विवेक मोरे, मनोहर दातेराव, अमोल सावलीकर ने किया है.