Lord owner of Melghat, pre-monsoon planning in Dharni

  • कई पुल और सड़कों की बदहाल स्थिति

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धारणी. आदिवासी बहुल क्षेत्र मेलघाट का इस बारिश में फिर एक बार भगवान ही मालिक है. गत् वर्ष हुई अतिवृष्टि के कारण शालाओं की छतें, पुल, सड़कें खराब हो गई, लेकिन 1 वर्ष का समय बीत जाने पर भी इनकी मरम्मत नहीं की गई. साथ ही धारणी तहसील प्रशासन द्वारा इस बार अब तक  मानसून पूर्व नियोजन नहीं किया गया है, जिससे फिर कई आदिवासी दुर्गम गांव का संपर्क टूटने के आसार है. लोगों की चिंता बढ़ गई है. पहले ही बारिश में कुपोषण का तांड़व रहता है, उसमें जिला प्रशासन की घोर अनदेखी आदिवासियों के लिये मानसून में बढ़ी मुश्किलें बढ़ा सकती है.

गत् वर्ष की बदहाली से नहीं लिया सबक
मेलघाट में चिखलदरा व धारणी 2 तहसीलें हैं. पहाड़ी क्षेत्र होने के चलते यहां पर अत्याधिक बारिश होती है. गत् वर्ष तहसील में रिकार्डतोड़ बारिश होने से नदियों-नालों में बाढ़ आ गई थी. कई स्कूलों की छत टूटी, पुल- सडकें बह गई, जिससे दर्जनों गांवों का संपर्क भी टूटा. मानसून समाप्त होने के बाद मरम्मत के कार्य व इस बार मानसून पूर्व नियोजन जरुरी थी. लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. जिससे अब बारिश के मौसम में सैकड़ों गांववासियों पर संकट होगा. इस बार मानसून समय पर आया है. गत् वर्ष जैसी बारिश हुई तो कई तरह के संकटों का सामना करना होगा.

गडगा, शीप्रा के पुल की उंचाई कम
तहसील के रोहणीखेड़ा के पास गडगा नदी पर बना पुल अत्याधिक कम उंचाई वाला है. बारिश में पुल के ऊपर से पानी बहने से लगभग 50 गांवों का संपर्क हर वर्ष टूटता है. यही हालात दिया व उतावली से बहने वाली शीप्रा नदी के पुल का भी है. तहसील के धोकड़ा, खामदा, किनीखेड़ा, जिरातढाणा, बुलुमगव्हाण, फारेस्ट मालुर, तांगडा को जोड़ने वाली सड़कें कच्ची है. बारिश में इन गांव का मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है. 

बैठक ली, यंत्रणा को किया सक्रिय
मैंने बारिश पूर्व नियोजन को लेकर प्रशासन की बैठक ली है. यंत्रणा को सक्रिय किया है. धारणी तहसील में करीबन 20 गांव को संपर्क टुटने की समस्या होती है. लेकिन प्रशासकीय  यंत्रणा को इस बार चौकन्ना रहने के निर्देश दिए है.-राजकुमार पटेल, विधायक