Municipal Commissioner Dr. Abhijit Chaudhary
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    औरंगाबाद : औरंगाबाद स्मार्ट सिटी (Aurangabad Smart City) के तत्कालीन सीईओ आस्तिक कुमार पांडे ने 111 सड़कों (Roads) का निर्माण और चार मल्टिस्पेशालिटी हॉस्पिटल (Multispeciality Hospital) के निर्माण कार्यों को स्मार्ट सिटी प्रकल्प के तहत मंजूरी दी थी। सड़कों के निर्माण के लिए लगने वाले निधि का नियोजन किए बिना स्मार्ट सिटी के माध्यम 111 सड़कों के निर्माण का प्रकल्प हाथ में लिए गया था। नए कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी (Commissioner Dr. Abhijit Choudhary) ने तत्कालीन कमिश्नर द्वारा पारित किए प्रस्तावों का अभ्यास करने के बाद पहले निधि के अभाव में 111 में से 87 सड़कों के कामों पर रोक लगाई। उसके बाद स्मार्ट सिटी के माध्यम से निर्माण किए जा रहे मल्टिस्पेशालिटी हॉस्पिटल के कार्यों को राज्य सरकार द्वारा हॉस्पिटल के लिए जरुरी स्टाफ और उपकरण के अलावा साहित्य उपलब्ध न कराए जाने की जानकारी देने पर उसके कार्य को रोक लगाई है। डॉ. चौधरी द्वारा लिए गए निर्णयों से इन प्रकल्पों का काम हाथ में लिए ठेकेदारों की नींद हराम हो चुकी है। 

    गत आर्थिक वर्ष के मार्च एंड में औरंगाबाद स्मार्ट सिटी के तत्कालीन सीईओ आस्तिक कुमार पांडे ने कई प्रकल्पों को मंजूरी दी थी। स्मार्ट सिटी के लिए 1 हजार करोड़ रुपए खर्च का प्रावधान होने के बावजूद और करीब 1250 करोड़ रुपए के अलग-अलग प्रकल्पों को मंजूरी दी गई थी। इसमें प्रमुख रुप से शहर में 111 सड़कों के निर्माण के लिए 272 करोड़ रुपए खर्च का प्रावधान था। इसके अलावा चार मल्टिस्पेशालिटी हॉस्पिटल के निर्माण के लिए 33 करोड़ 48 लाख रुपए का प्रावधान कर काम शुरु किया गया था। सड़कों के कामों को निधि का नियोजन किए बिना मंजूरी देने पर हाल ही में 111 में से सिर्फ 24 सड़कों को काम पहले करने के निर्देश दिए। 

    डॉ. चौधरी द्वारा स्मार्ट सिटी के माध्यम से किए जाने वाले कार्यों का लगातार बैठके लेकर किए जा रहे अभ्यास के  बाद उन्होंने चार मल्टिस्पेशालिटी हॉस्पिटल के निर्माण कार्यों को रोकने के आदेश दिए है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ. चौधरी ने बताया कि चार मल्टिस्पेशालिटी हॉस्पिटल के निर्माण के लिए निधि का प्रावधान किए जाने के बावजूद हॉस्पिटल के लिए जरुरी डॉक्टर, कर्मचारियों का स्टाफ और साहित्य एनएचयूएम योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार से पत्र व्यवहार किया गया था। परंतु, राज्य सरकार ने स्टाफ सहित जरुरी साहित्य उपलब्ध कराने के लिए साफ तौर पर इंकार किया है। ऐसे में सिर्फ मल्टिस्पेशालिटी हॉस्पिटल के इमारतों का निर्माण कर क्या फायदा होगा? यह जानकर प्रशासन ने मल्टिस्पेशालिटी हॉस्पिटल के निर्माण पर रोक लगाई है। 

    चार मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के निर्माण को मंजूरी 

    बता दे कि शहर के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से महानगरपालिकन के तत्कालीन स्मार्ट सिटी के सीईओ आस्तिक कुमार पांडे ने हडको एन-11, सिडको एन-2, आंबेडकर नगर और सातारा परिसर में चार मल्टिस्पेशालिटी हॉस्पिटल के निर्माण मंजूरी दी थी। इस प्रकल्प के काम के लिए हाईटेक इंफ्रा एजेंसी की ठेकेदार के रुप में नियुक्ति की गई थी। प्रकल्प के मंजूरी के बाद हडको एन-11 में निर्माण के किए जाने वाले मल्टिस्पेशालिटी हॉस्पिटल का काम शुरु हुआ था। परंतु, सरकार से स्टाफ उपलब्ध कराने को लेकर इंकार देने के चलते सीईओ अभिजीत चौधरी ने इस प्रकल्प के काम पर रोक लगाई है। सीईओ के इस निर्णय से स्मार्ट सिटी के प्रकल्पों का काम हाथ में लिए ठेकेदारों की नींद हराम हो चुकी है।