ताडोबा में बाघिन ‘माया’ पर बढ़ा सस्पेंस, कई दिनों से नहीं आई नजर

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चंद्रपुर: पट्टेदार बाघों के अभयारण्य ताड़ोबा-अंधारी बाघ (Tadoba) परियोजना की सबसे प्रसिद्ध और पर्यटकों की चहेती ‘माया’ नामक बाघिन (Tigress Maya) कई दिनों से नजर नहीं आ रही है।  इस बात को लेकर पर्यटकों और पर्यावरण प्रेमियों में अटकले लगायी जा रही हैं।  वहीं माया को लेकर ताड़ोबा प्रबंधन ने दावा किया है। दरअसल वह फिर से मां बनी है और अपने नवजात शावकों को लेकर सुरक्षित स्थान पर है। 

इसलिए वह नजर नहीं आ रही है। ताड़ोबा- अंधारी बाघ परियोजना की क्वीन के रूप में ‘माया’ बाघिन सभी पर्यटकों में काफी प्रसिद्ध है।  माया उस समय चर्चा में आयी थी जब वह अपने शावक पर ममता और दुलार का वासल्य लुटा रही थी जिसे पर्यटक ने अपने कैमरे में कैद कर लिया और यह फोटो इतनी पसंद की गई कि इस पर डाक टिकट जारी किया गया। इसके बाद माया लगातार चर्चाओं में रही है।  मटकासुर बाघ के साथ उसकी जोड़ी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रही है। पूरी तरह से सुरक्षित है। 

अपने शावकों को शिकार करना सिखाने, ताड़ोबा की कर्मी स्वाति दुमने पर हमला कर उसे अपना शिकार बनाने में माया चर्चित रही है।  देश-विदेश से जो भी पर्यटक यहां आते हैं वे ‘माया’ का नाम लेकर उसे देखने की ही इच्छा जताते हैं। इस वर्ष मानसून के चलते कोर क्षेत्र गत 3 माह से बंद रहा।  इस बीच 1 अक्टूबर से कोर में सफारी शुरू हुई है।

माया को लेकर पर्यटकों की उत्सुकता भी नजर आ रही थी, परंतु माया के नजर नहीं आने से सभी हैरान परेशान थे कि वह कहां चली गई है।  माया को आखिर बार 23 अगस्त को देखा गया था।  माया के नजर नहीं आने से पर्यटकों और पर्यावरण प्रेमियों के बीच कई तरह की अटकलें शुरू होने लगी थी।  लेकिन ताड़ोबा प्रबंधन की ओर से बताया जा रहा है कि माया