- धान फसल निचे गिरने से 500 प्रतितश नुकसान
- कृत्रिम बाढ के बाद प्रकृति की मार
गडचिरोली. अगस्त माह में जिले में बाढ की स्थिती निर्माण होकर हजारो हेक्टेयर खेत का व्यापक नुकसान हुआ था। वहीं अब मंगलवार को आये तूफान से किसानों को चिंता में डाल दिया है। क्योंकि पककर कटाई के लिए तैयार होने वाला धान अब जमीन पर सो गया है। जिससे किसानों को 50 प्रतिशत से कम उत्पादन होने की संभावना ने चिंता में डाल दिया है।
मंगलवार को गडचिरोली तहसील समेत आरमोरी के कुछ जगह तूफानी हवाओं के साथ धुंआधार बारिश हुई। इसका सर्वाधिक असर कटाईयोग्य धान को हुआ है। सैकडों हेक्टेयर धान फसल जमीन पर झुक गई है जिससे किसानों का व्यापक वित्तीय नुकसान हुआ है। गडचिरोली तहसील तथा आरमोरी तहसील के कुछ परिसर को इस तूफानी बारिश का व्यापक असर पडा है।
किसानों ने इस वर्ष खरीफ सीजन में अनेक समस्याओं का सामना करते हुए रोपाई कार्य संपन्न किया। मात्र इसके बाद अगस्त माह में गोसीखुर्द बांध से बडी मात्रा में पानी का छोडे जाने से वैनगंगा नदी को बाढ आकर नदी तट के खेतों की फसले पानी में डूबकर बर्बाद हुई थी। जिससे हजारों हेक्टेयर फसलों का व्यापक नुकसान हुआ।
बाढग्रस्त किसानों के हाथ में नुकसान मुआवजे के राशि अबतक प्राप्त नहीं हुई है। ऐसे में फिर से तूफानी बारिश से धान को भारी नुकसान हुआ है। कुछ किसानों की धान फसल कटाई योग्ध हुई है, तो कुछ किसानों की कटाई की गई फसल बर्बाद हुई है। जिससे बारिश से फसलों को बचाने के लिए किसानों द्वारा कुछ प्रयास किए जा रहे है। धान फसल आखों के समक्ष बर्बाद होते देख किसानों की जान हलक में आ गई है।