Kesari Ration card

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    • शहर में 650 दूकानों पर 3 लाख लोग लेते हैं राशन 

    नागपुर. राशन कार्ड धारकों में ऐसे कई लोग हैं जिनकी उंगलियों केफिंगर प्रिंट घिस जाने के कारण मशीन उन्हें स्कैन नहीं कर पा रही है. ऐसे में उन्हें राशन के साथ कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ये समस्या बीते कई महीनों से लगातार चली आ रही है. संबंधित अधिकारियों को इस मामले में शिकायत भी दर्ज कराई गई है लेकिन इसका कोई सटीक समाधान नहीं निकल पाया है. जिससे पीड़ितों में रोष का माहौल है. उनका कहना है कि सरकार सिस्टम तो हाईटेक कर रही है लेकिन जो लोग इसमें फिट नहीं बैठ रहे, उनके लिए कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.

    उल्लेखनीय है कि केन्द्र और राज्य सरकारों ने अपनी योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता कर दी है. यानी जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं होगा वे किसी भी योजना का लाभ नहीं ले सकते. बैंक में खाता खुलवाने के लिए भी आधार अनिवार्य है. बीते दिनों राशन की दूकानों पर अनाज लेने आने वाले कार्ड धारकों के लिए नए नियम जारी किए जिसके अनुसार उन्हें दोनों हाथों की एक-एक उंगली मशीन से दूकान पर स्कैन करानी होगी.

    इस वेरिफिकेशन के बाद ही अनाज वितरित किया जाएगा. इस नियम के लागू होने के बाद कई कार्डधारकों को बिना अनाज लिए ही लौटना पड़ा था क्योंकि उनके उंगलियों के फिंगर प्रिंट घिसने के कारण मशीन उनको स्कैन नहीं कर पा रही थी. इसकी शिकायत आला अधिकारियों से भी की गई. 

    चावल का हो रहा विरोध

    राशन की दूकान पर बीते कुछ महीनों से एक किलो गेंहू के बदले एक किलो चावल दिए जा रहे हैं. कार्ड धारकों का कहना है कि शहर में चावल कम मात्रा में उपयोग किए जाते हैं. यहां ज्यादातर गेंहू की रोटियों का उपयोग होता है. इसलिए यहां चावल देने का कोई फायदा नहीं है. जिन जगहों पर चावल उपयोग होते हैं वहां पर चावल देने चाहिए. यह मांग कार्ड धारक अधिकारियों से कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है.