40 Chinese among 150 people booked by Mumbai EOW for fraudulently becoming directors of Indian firms

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    नागपुर. ग्रामीण आरटीओ कार्यालय में उस समय खलबली मच गई जब एक अधिकारी ने परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनाने खड़े डमी उम्मीदवार को पकड़ लिया. उसने बताया कि एक दलाल ने उसे पैसे देकर परीक्षा देने को कहा था. आरटीओ अधिकारी ने कपिलनगर पुलिस को जानकारी दी. पुलिस ने दलाल सहित 3 आरोपियों के खिलाफ विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

    आरोपियों में आरटीओ एजेंट राजू तयाडे, डिगडोह, हिंगना रोड निवासी किशन गेनलाल लिल्हारे और सागर कामेश्वर शाह का समावेश हैं. नागपुर ग्रामीण आरटीओ के सहायक मोटरवाहन निरीक्षक अमित अरुणराव देउलकर की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया. बुधवार को देउलकर की ड्यूटी परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदनों की जांच करने की थी. सुबह से ही उम्मीदवार और उनके आवेदनों की जांच जारी थी. दोपहर को 40 नंबर के उम्मीदवार किसन लिल्हारे का नंबर आया. उन्होंने दस्तावेजों की जांच की.

    आवेदन में उम्मीदवार का फोटो और सामने खड़े उम्मीदवार को फोटो जरा भी मेल नहीं खा रही था क्योंकि किसन की जगह सागर लाइन में खड़ा था. बार-बार सागर अपनी ही फोटो होने की बात कर रहा था. उसने किसन का नाम-पता और उमर तो याद कर ली थी लेकिन जब दादा का नाम पूछा गया तो उसने कोई जवाब नहीं दिया. सख्ती से पूछताछ करने पर सागर ने बताया कि वह अपना लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए आरटीओ कार्यालय में राजू तायड़े नामक दलाल के पास आया था. किसन को परीक्षा में फेल होने का डर था. इसीलिए दलाल राजू ने किसन की जगह उसे परीक्षा देने भेज दिया.

    देउलकर ने कपिलनगर पुलिस को जानकारी दी. देउलकर की लिखित शिकायत पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. आरटीओ कार्यालय में फर्जीवाड़ा कोई नई बात नहीं है. जहां लोगों को लाइसेंस बनाने के लिए कई चक्कर काटने पड़ते है. वहीं दलालों के कोड से काम फटा-फट हो जाता है. शहर की अधिकांश ड्राइविंग स्कूल के दलाल आरटीओ में सक्रिय रहते हैं. किशन के फार्म पर भी माता-पिता ड्राइविंग स्कूल का स्टैंप लगा हुआ था.