Old Bhandara Road

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    नागपुर. सिटी में करोड़ों की लागत से अनेक विकास कार्य हुए हैं और हो रहे हैं लेकिन पुराना भंडारा रोड के चौड़ाईकरण व सीमेन्टीकरण का मात्र ढाई किमी का कार्य वर्षों से लटका हुआ. लटकने का कारण प्रभावितों को मुआवजा देने की रकम है जो राज्य सरकार को देनी है. अब जब डीसीएम यहीं के हैं और उनके पास वित्त मंत्रालय भी है तो वे पुराना भंडारा रोड को दिवाली गिफ्ट के रूप में लटकी हुई निधि तत्काल प्रदान कर इस रोड का भी कल्याण करें. उक्त मांग परिसर के व्यापारियों व नागरिकों ने की है. इस रोड के भू-संपादन के लिए 185 करोड़ रुपये लगने वाले हैं जिसका 70 फीसदी हिस्सा 130 करोड़ रुपये राज्य सरकार को देना है.

    तत्कालीन मविआ सरकार के समय तो ढाई वर्ष तक यह निधि नहीं मिल पायी लेकिन अब डीसीएम से नागरिकों की उम्मीद जगी है. जानकारी के अनुसार सिटी व जिले के लटके हुए प्रकल्पों व अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कितनी निधि लगने वाली है इसकी रिपोर्ट डीसीएम ने जिलाधिकारी से मांगी थी. समझा जा रहा है कि 1,500 करोड़ रुपयों की निधि वे अपने गृह नगर के लिए देने वाले हैं. नागरिकों को पूरी उम्मीद है कि इसमें पुराना भंडारा रोड का भी समावेश होगा.

    अभी नहीं तो कभी नहीं

    पुराना भंडारा रोड परिसर के नागरिक तो यहां तक कह रहे हैं कि अगर अब डीसीएम देवेन्द्र फडणवीस ने इस रोड के उद्धार के लिए निधि नहीं दी तो इस रोड के कल्याण को वे लोग भूल जाएंगे. अभी नहीं तो कभी नहीं की बात नागरिक कह रहे हैं. बताते चलें कि मेयो हॉस्पिटल चौक से सुनील होटल तक ढाई किमी लंबे डीपी रोड के 18 मीटर चौड़ाईकरण के लिए मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को भू-संपादन के लिए सुवर्ण जयंती नगरोत्थान महाभियान योजना के तहत 129.52 करोड़ रुपयों की मांग का प्रस्ताव भेजा है. दो बार राज्य सरकार के हिस्से की 70 फीसदी निधि की मांग का प्रस्ताव मनपा प्रशासन द्वारा भेजा जा चुका है लेकिन अब तक निधि नहीं मिलने के चलते कार्य शुरू नहीं किया जा सका है. 

    25 करोड़ खर्च कर चुकी है मनपा

    इस रोड के जो 631 प्रापर्टी प्रभावित हो रहे हैं उनके संपादन के लिए 185.03 करोड़ रुपये लगेंगे. इसमें राज्य सरकार के 70 फीसदी और मनपा का 30 फीसदी हिस्सा होगा. मनपा द्वारा संपादन के लिए कुल 55.51 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे. इसमें से मनपा 41 प्रापर्टी के भू-संपादन में 25.09 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. मनपा आयुक्त ने भी प्रधान सचिव को भेजे गए प्रस्ताव में यह स्पष्ट किया था कि हालांकि मनपा ने 41 प्रापर्टी का संपादन कर लिया है लेकिन जब तक सभी प्रभावित प्रापर्टी संपादित नहीं हो पाती तब तक तोड़ने का काम शुरू करना संभव नहीं होगा. इसलिए सरकार नगरोत्थान महाभियान के तहत उक्त निधि उपलब्ध करवाए. उक्त प्रस्ताव 20 अक्टूबर 2021 को भेजा गया था.

    4 वर्षों से चल रहा फॉलोअप

    निधि के लिए मनपा द्वारा 4 वर्षों से फॉलोअप किया जा रहा है. मनपा प्रशासन द्वारा 3 नवंबर 2018 को भी राज्य सरकार को पत्र भेजा गया था जिसमें बताया गया था कि सरकार ने 185.03 करोड़ रुपये की निधि इस रोड के चौड़ाईकरण करने के लिए प्रशासकीय मान्यता प्रदान की है इसलिए निधि उपलब्ध कराई जाए. इतना ही नहीं केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने तो केन्द्रीय मार्ग निधि यानी सीआरएफ कोटे से रोड निर्माण के लिए 100.15 करोड़ रुपये उपलब्ध करवा दी है लेकिन यह ऐसे ही पड़ा हुआ है.