स्टेशन फ्लाईओवर का मसला करें हल, दूकानदारों को निधि देकर प्राप्त करें जगह: गडकरी

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    • 150 दूकानें हैं पुल के नीचे
    • 72 लोगों ने मांगा मुआवजा
    • 78 दूकानदारों ने की दूकान की मांग

    नागपुर. रेलवे स्टेशन के सामने का फ्लाईओवर तोड़ने के लिए भले ही कई वर्षों से केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी द्वारा मनपा को निर्देश दिए जा रहे हो लेकिन तकनीकी पेचिदकियों के चलते अब तक फ्लाईओवर तोड़ने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है. जिससे यहां बनने वाले सिक्स लेन मार्ग का मसला भी अटका हुआ है. नए मार्ग के निर्माण के लिए पुल के नीचे स्थित दूकानदारों की मनपा कानून के अनुसार निधि की मांग है. जिन दूकानदारों को निधि चाहिए, उन्हें निधि देने तथा अन्य दूकानदारों को जगह उपलब्ध कराने का एग्रीमेंट कर मसला हल करने के निर्देश  गडकरी ने मनपा आयुक्त को दिए. शुक्रवार को शहर विकास के कई मुद्दों को लेकर गडकरी के आवास पर अधिकारियों की बैठक ली. विधायक प्रवीण दटके, मोहन मते, विकास कुम्भारे, पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी, मनपा आयुक्त राधाकृष्णन.बी, जिलाधिकारी आर. विमला आदि उपस्थित थे.

    आयुक्त को 15 दिन का अल्टीमेटम

    उल्लेखनीय है कि रेलवे स्टेशन के सामने हमेशा ही ट्रैफिक जाम की स्थिति को देखते हुए वर्ष 2010 को 30 वर्षों के लिए इस फ्लाईओवर का निर्माण किया गया था. अब नई योजना के चलते केवल 12 वर्षों के भीतर ही इस पुल को तोड़ा जाना है. महामेट्रो के माध्यम से यहां पर 6 लेन की सड़क का निर्माण करने की योजना को मंजूरी भी प्रदान की गई. जिसके बाद इसे तोड़ने के लिए मनपा की सभा में भी मंजूरी प्रदान की गई. किंतु लंबा समय बीत जाने के बाद भी अब तक इस पर अमल नहीं हो पाया है. बताया जाता है कि पुल के नीचे 150 दूकानें हैं. जिसमें से 72 दूकानदारों ने दूकान के बदले दूकान की मांग की है. जबकि 78 लोगों ने पैसों की मांग की है. इसे देखते हुए गडकरी ने अब 15 दिनों के भीतर निर्णय लेने के निर्देश आयुक्त को दिए.

    बुधवार बाजार जमीन मालकी के दस्तावेज नहीं

    -केंद्रीय मंत्री गडकरी के सामने ही मनपा की ओर से अजीबोगरीब खुलासा किया गया. अधिकारियों की ओर से बताया गया कि प्रकल्प की शुरुआत करने से पहले इस जमीन मालकी के दस्तावेजों की आवश्यकता है. 

    -मनपा के पास इसके दस्तावेज (आखिव पत्रिका) नहीं है. जिससे मामला अटका हुआ है. इस तरह की समस्या होने के बाद भी सिटी सर्वे विभाग की ओर से मनपा को जल्द से जल्द आखिव पत्रिका उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. 

    -सरकारी काम में सरकारी अधिकारी ही अड़चन पैदा कर रहे हैं. विशेषत: बैठक में विधायक दटके ने कहा कि इसके पूर्व भी बुधवार बाजार शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का काम शुरू करने के कार्यादेश जारी किए गए थे. उस दौरान आखिव पत्रिका की मांग नहीं की गई थी. 

    -जिस पर अधिकारियों का मानना था कि नए डीसीआर रूल्स के अनुसार जमीन के दायरे में परिवर्तन हुआ है. जिससे अतिरिक्त जमीन के साथ आखिव पत्रिका की आवश्यकता है. जिलाधिकारी के सामने ही मसला उठने के कारण उन्होंने मामले को गंभीरता से लेने के निर्देश अधिकारियों को दिए.