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नागपुर. मनपा मुख्यालय में स्थित चौथी मंजिल पर अतिक्रमण विभाग कार्यालय में उस समय फिर एक बार हंगामा हो गया जब अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई से पीड़ित एक महिला ने वहां पहुंचते ही स्वयं पर पेट्रोल डालकर आत्महत्या का प्रयास किया. महिला के अचानक इस कृत्य से पूरा कार्यालय सकते में आ गया. हालांकि वहां पर तैनात सुरक्षा कर्मचारियों की सतर्कता के कारण अनहोनी तो टल गई किंतु लगातार कुछ दिनों के अंतराल में अतिक्रमण विभाग कार्यालय में कोई न कोई घटना होने को लेकर दिनभर गलियारे में तरह-तरह की अफवाहों का बाजार गर्म रहा. बताया जाता है कि मनपा के अतिक्रमण उन्मूलन दस्ते ने नेहरूनगर जोन अंतर्गत केडीके कॉलेज के पास कार्रवाई की थी. कार्रवाई के दौरान फुटपाथ से दस्ते ने एक महिला की अस्थायी दूकान का सामान जब्त कर लिया था. जब्त कुर्सियां, टेबल तथा तिरपाल आदि जोन में जमा कर दिया गया.

अस्पताल में कराना पड़ा भर्ती

बताया जाता है कि महिला अपना सामान वापस लेने के लिए मुख्यालय पहुंची थी. उसे एक दिन पहले ही जब्त सामान वापस किया गया था किंतु महिला का मानना था कि उसमें सिलेंडर और गैस स्टोव नहीं था. महिला इन दोनों की मांग कर रही थी. गुरुवार की दोपहर फिर महिला अतिक्रमण विभाग के कार्यालय पहुंच गई. उसे समझाने का काफी प्रयास किया गया किंतु उसका मानना था कि पति नहीं है, इसी दूकान पर उसकी रोजी-रोटी चलती है. किसी तरह व्यवसाय कर वह अपनी 2 बच्चियों का पालन-पोषण कर रही है लेकिन महानगरपालिका ने इसका व्यवसाय ही ध्वस्त कर दिया है. महिला के हंगामे के बीच कार्यालय में कर्मचारियों की भीड़ जमा हो गई थी. इसी बीच महिला ने बोतल निकालकर स्वयं पर पेट्रोल छिड़क दिया. साथ ही पेट्रोल भी पी लिया. अभी वह आग लगाने ही जा रही थी कि सुरक्षा कर्मचारियों ने उसे रोक लिया जिसके बाद उसे मेयो अस्पताल में भर्ती कराया गया.

लगातार घटनाएं, अधिकारी मौन

बताया जाता है कि मनपा के अतिक्रमण विभाग में हाल ही के दिनों में हुई यह चौथी घटना है. कुछ दिनों पहले तो एक बेरोजगार युवक ने सामान जब्ती के कारण कार्यालय में ही कपड़े निकालकर अर्धनग्न प्रदर्शन किया था. किसी तरह उसे भी समझाकर सामान लौटाया गया था. अब महिला द्वारा स्वयं को जलाने का प्रयास किया गया. सूत्रों के अनुसार मनपा का इतना बड़ा विभाग है किंतु इसके लिए स्थायी सहायक आयुक्त नहीं है. आसीनगर जोन के सहायक आयुक्त हरीश राऊत को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. आसीनगर जोन के कार्यालय की जिम्मेदारी के साथ मुख्यालय में समय देना संभव नहीं हो रहा है. यही कारण है कि यहां आने वाले अतिक्रमण कार्रवाई पीड़ितों की समस्या हल नहीं हो पाती है जिससे लगातार इस तरह की घटनाएं हो रही हैं.