NIA raids
प्रतीकात्मक तस्वीर

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पुणे/नई दिल्ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के खिलाफ शिकंजा कसा है। उसने संगठन के लिए भर्ती और धन जुटाने में शामिल पुणे के डॉक्टर समेत छह लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। NIA ने बताया कि महाराष्ट्र ISIS आतंकी मॉड्यूल मामले में अब तक की जांच में अंतरराष्ट्रीय संबंधों और विदेशी-आधारित ISIS संचालकों की भागीदारी के साथ एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। इसमें भारत के भीतर ISIS की चरमपंथी और हिंसक विचारधारा का प्रचार करने के लिए प्रतिबद्ध व्यक्तियों के एक जटिल नेटवर्क का भी खुलासा हुआ है।

आरोपियों की पहचान मुंबई के ताबिश नासिर सिद्दीकी, जुल्फिकार अली बड़ौदावाला उर्फ लालाभाई, शारजील शेख और बोरीवली-पडघा के आकिफ अतीक नाचन, साथ ही पुणे के जुबैर नूर मोहम्मद शेख उर्फ अबू नुसैबा और डॉ. अदनानअली सरकार के रूप में हुई है। ये सभी प्रतिबंधित ISIS संगठन के सदस्य हैं और इन्होने लोगों के बीच डर, आतंक पैदा करने और भारत की सुरक्षा, धर्मनिरपेक्ष लोकाचार, संस्कृति और सरकार की लोकतांत्रिक प्रणाली को खतरे में डालने के इरादे से संगठन की आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने की साजिश रची थी। इनमें से दो आरोपियों, जुल्फिकार अली बड़ौदावाला और आकिफ अतीक नाचन के खिलाफ पहले भी पुणे ISIS मॉड्यूल मामले में विस्फोटों को अंजाम देने के लिए IED के निर्माण के आरोप में चार्जशीट दायर की गई थी।

गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत NIA विशेष अदालत, मुंबई के समक्ष चार्जशीट दायर किए गए आरोपी, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) की हिंसक और चरमपंथी विचारधारा को सक्रिय रूप से प्रचारित करने और संगठन और उसके उद्देश्य में व्यक्तियों की भर्ती के माध्यम से आतंकवादी हिंसा की तैयारी के कार्यों को अंजाम देने में लगे हुए थे। दो आरोपियों ताबिश और जुल्फिकार ने ISIS के स्वयंभू खलीफा (नेता) के प्रति निष्ठा (बायथ) की शपथ ली थी।

NIA की मुंबई शाखा को आरोपी के पास ISIS द्वारा प्रकाशित ‘वॉयस ऑफ हिंद’ और ‘वॉयस ऑफ खुरासान’ जैसी प्रचार पत्रिकाओं के साथ-साथ सीरिया में हिजराह से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री भी मिली। इसके अलावा, आरोपी अपने संपर्कों के साथ DIY (डू इट योरसेल्फ) किट साझा कर रहे थे। एनआईए की जांच के अनुसार, आरोपियों को अपनी आतंकी योजनाओं और डिजाइनों को वित्तपोषित करने के लिए धन जुटाते हुए भी पाया गया।

NIA ने देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को भंग करने के लिए उनके द्वारा रची गई साजिश के संबंध में गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा प्राप्त जानकारी के बाद, ताबिश नासिर सिद्दीकी और अन्य के खिलाफ NIA मुंबई द्वारा 28 जून, 2023 को मामला दर्ज किया गया था। इसमें कहा गया है कि देश और ISIS की आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना है।

मामले में आगे की जांच आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 173(8) के प्रावधानों के अनुसार जारी है।

गौरतलब है कि ISIS को इस्लामिक स्टेट (IS), इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवंत (ISIL), दाएश, इस्लामिक स्टेट इन खुरासान प्रोविंस (ISKP), ISIS विलायत खोरासन, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और शाम खुरासान के नाम से भी जाना जाता है। (ISIS-K), पूरे भारत में आतंक फैलाने के लिए विभिन्न मॉड्यूल के माध्यम से काम कर रहा है।