वर्धा. कुछ दिनों से मौसम में निरंतर बदलाव देखने मिल रहे है़. इसी बीच शुक्रवार से जिले में बदरीला मौसम छाने लगा है. वहीं शनिवार की शाम जिले के कुछ हिस्से में बेमौसम बारिश के साथ ही जमकर ओले बरसे़ बेर के आकार के ओले गिरने से रबी की गेहूं व चना फसल का नुकसान बताया गया़ बारिश से जिले के किसानों का टेन्शन और बढ़ गया है. मौसम विभाग ने 12 फरवरी तक बारिश के आसार जताये है़.
बता दें कि, पहले ही जिले का किसान परेशान है. खरीफ की फसल इल्ली, बीमारी व प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ़ी. जिले में खरीफ की 80 प्रतिशत सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई. गुलाबी बोंड इल्ली के कारण कपास का उत्पादन घटा. दूसरी ओर फसलों को उचित मूल्य न मिलने से किसान आर्थिक संकट में है़ं ऐसे में रबी की फसलों पर किसानों की उम्मीदे टीकी हुई है. परंतु प्राकृतिक आपदा किसानों का पीछा छोड़ने के लिये तैयार नहीं. बीच के दिनों में बदरीला मौसम छाने से चना व तुअर की फसल प्रभावित हुई थी.
इल्ली व बीमारी के कारण तुअर की उपज में कमी आई है. अब गेहूं व चने पर किसानों की उम्मीदे है़. कुछ क्षेत्र में चने की फसल निकालने का काम शुरू है. ऐसे में दो दिन से जिले के मौसम में बदलाव देखा जा रहा. शनिवार की सुबह से ही बदरीला मौसम छाया रहा़ देखते ही देखते शाम के समय बेमौसम बारिश ने दस्तक दी. कही बुंदाबांदी तो कही पर जमकर मेघ बरसे़ कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि से फसल प्रभावित होकर नुकसान दर्ज किया गया.
देवली व हिंगनघाट तहसील में गिरे ओले
शनिवार की शाम अचानक मौसम में बदलाव होकर बारिश शुरू हुई़ देवली तहसील के कुछ हिस्से में तेज हवा के साथ ओले गिरे़ भिड़ी, तलणी, आकोली, लोणी, आगरगांव, रत्नापुर, मुरदगांव, ईसापुर, फतेपुर में जमकर ओलावृष्टि हुई़ जिससे चना, गेहूं व तुअर फसल का भारी नुकसान बताया गया़ हिंगनघाट तहसील के कानगांव सहित गाडेगांव, चानकी, नांदगांव, रोहणखेड़ा, अलमडोह परिसर में जमकर बारिश के साथ बेर के आकार के ओले गिरे़ इसमें कानगांव में साप्ताहिक बाजार में दूकानदारों का नुकसान हुआ़ इस बार आम बोर अच्छा बताया जा रहा था़ परंतु बारिश के कारण बड़ी मात्रा में बोर झड़ गई है.