Uttar-Pradesh
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    नयी दिल्ली/अलीगढ़. साल के आखिरी दिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ (Aligarh) में स्वास्थ्य विभाग की बेहद ही चौंकाने वाली लापरवाही अब सबके सामने आई है। दरअसल यहां कोरोना से मरने वालों की लिस्ट में अब एक गलती से जीवित महिला का ही नाम अंकित कर दिया गया और फिर शासन द्वारा दिए जा रहे ₹50000 के मुआवजे वाली पोर्टल पर उनका नाम भी चढ़ा दिया। 

    लापरवाही का खुलासा तब हुआ, जब जिले के कोरोना कंट्रोल रूम से मुआवजा देने के लिए कागजी कार्यवाई के लिए फोन किया गया तो उधर से उसी महिला व उसके परिजनों ने स्वयं बताया कि वह तो जीवित है, तो फिर यह मुआवजा क्यों ले।  घटना अलीगढ़ के थाना बन्नादेवी इलाके कि है, जहाँ मेंलरोज बाईपास निवासी शकुंतला देवी व उनके बेटे हेमंत चौधरी ने मुस्से पर जानकारी देते हुए बताया है कि उनको पिछले कई दिनों से अलग-अलग नंबर द्वारा कॉल किए जा रहे हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में शकुंतला देवी की मृत्यु हो चुकी है। आप लोग कागजी कार्रवाई हेतु स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय पर आ जाएं। 

    इसके साथ ही हेमंत का कहना है कि मुआवजा लेने से मना करने के बाद फोन पर कहा गया कि आप अगर जल्द सिग्नेचर कर दें तो ₹30,000 आपके अकाउंट में भी ट्रांसफर हो जाएंगे, जबकि सरकार ने ₹50000 सरकार ने मुआवजा तय किया है। लेकिन जानकारी के अनुसार  शकुंतला देवी का उपचार क्षेत्र के एक निजी अस्पताल जीवन ज्योति में हुआ था। जहां भर्ती होने के अलावा डिस्चार्ज समरी भी उनके पास ही है। यह तो वह परिवार है, जिनके यहां मृत्यु हुई ही नहीं है।

    इधर, राज्य नोडल कोविड सैंम्पलिंग अधिकारी डॉ। राहुल कुलश्रेष्ठ का मामले पर कहना है कि कोरोना से मरने वाले लोगों की एक लिस्ट बनी थी और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा कोरोना से मृत्यु पर ₹50000 दिए जाने थे। वहीं पहले शकुंतला देवी का नाम तत्कालीन CMO और सर्व लाइंस अधिकारी द्वारा भेजा गया था लेकिन जब इस लिस्ट को वर्तमान CMO द्वारा कंफर्म किया गया तो पाया गया कि शकुंतला नाम की महिला जिंदा है, जिनका नाम पूर्व CMO द्वारा मृतकों की सूची में भेज दिया गया था। उस त्रुटि को सुधार लिया गया है और उनको कोई पेमेंट भी नहीं किया गया है।

    हद है कि, जहाँ राज्य में जहां  कोरोना से मृत हुए लोगों के परिजन मुआवजे के लिए दर-बदर भटक रहे हैं, वहीं, राज्य का स्वास्थ्य विभाग अब जीवित लोगों से मृतकों की लिस्ट बना कर आराम से बैठा हुआ है। पता हो कि कि जिले में कोरोना से मरने वालों की लिस्ट में 108 लोगों के नाम अंकित किए गए हैं। अन तो इस लिस्ट पर भी लोगों को शंका है। इतना ही नहीं अब इस मामले में किसी बड़े घपले कि भी बू आ रही है।