अब काकोरी ब्रांड से देश-विदेश में बिकेगा यूपी का दशहरी आम

    Loading

    -राजेश मिश्र

    लखनऊ : कमजोर फसल के बावजूद इस बार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फल पट्टी क्षेत्र (Fruit Belt Area) के कारोबारियों (Traders) को दशहरी के विदेशों (Abroad) को अच्छे निर्यात की आस है। उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) ने इस बार मलिहाबादी दशहरी (Malihabadi Dussehri) को नवाब की जगह नया ब्रांड नाम काकोरी (Kakori) दिया है। देश विदेश में अब यूपी का आम काकोरी ब्रांड के नाम से भेजा जाएगा। 

    राजधानी से सटे दशहरी आम के क्षेत्र काकोरी-मलिहाबद में पेड़ों से तोड़ाई का कम तेज हो गया है और स्थानीय मंडी में पाल के आम आने शुरु हो गए हैं। दशहरी आमों की पहली खेप दिल्ली और मुंबई को भेजी जा चुकी है। हालांकि कमजोर फसल के चलते इस बार आम के दाम पहले के मुकाबले ऊंचे हैं।  शुरुआती आर्डर 50 रुपए किलो के हिसाब से भेजे गए हैं। आम कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में खुले बाजार में मलिहाबादी दशहरी, लंगड़ा और चौसा आम 40 से 50 रुपये किलो तक बिक सकता है। 

    मुंबई-दिल्ली के आर्डर पूरे किए जा रहे हैं

    मलिहाबाद के मशहूर बागवान और नफीस नर्सरी के शबीहुल हसन बताते हैं कि अभी स्थानीय बाजारों में दशहरी नहीं भेजा जा रहा है। बल्कि मुंबई दिल्ली के आर्डर पूरे किए जा रहे हैं। उनका कहना है कि जून के पहले हफ्ते से स्थानीय बाजारों में आम की आवक शुरु होगी। डाल की दशहरी 15 जून के बाद से मिलना शुरु होगी। हसन के मुताबिक बीते साल न के बराबर निर्यात रहने के बाद इस साल इसके फिर से जोर पकड़ने की पूरी उम्मीद है। खाड़ी देशों और यूरोप के अलावा थाईलैंड में भी मलिहाबाद का दशहरी आम जा सकता है। इस बार उत्तर प्रदेश में आम की फसल भले ही कमजोर है पर क्वालिटी बढ़िया है और कीटरहित है जसके चलते विदेशों में आर्डर भरपूर मिलेंगे। 

    पैकेजिंग के साथ 5000 टन कोल्ड स्टोरेज क्षमता भी उपलब्ध 

    आम का कारोबार व्यवस्थित और बेहतर बनाने के लिए इस बार उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद में फल पट्टी क्षेत्र काकोरी मलिहाबाद में नयी बाजार तैयार की है। आम की इस नयी मंडी को पूरी तरह से वातानुकूलित बनाया गया है और यहां पैकेजिंग के साथ 5000 टन की कोल्ड स्टोरेज क्षमता भी उपलब्ध है। नयी मंडी में कारोबारियों को काकोरी ब्रांड के छपे हुए आम के बाक्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बताते चलें कि पहले मंडी परिषद ने मलिहाबादी दशहरी को नवाब ब्रांड से बेंचना शुरु किया था। जिसे अब बदल कर काकोरी किया गया है। 

    गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते बीते साल उत्तर प्रदेश से महज 15 टन आम की निर्यात हो सका था। इससे पहले 2020 में अब तक का सबसे ज्यादा 121 जन और 2019 में 120.77 टन आम का निर्यात हुआ था। सामान्य वर्षों में उत्तर प्रदेश से आम का सालना कारोबार 2400-2550 करोड़ रुपए का रहता था जो बीते साल कोरोना की भेट चढ़ने के चलते 800 से 1000 करोड़ रुपए के बीच ही रह गया था। इस बार हालांकि पैदावार में 30 से 40 फीसदी की गिरावट है पर दाम ऊंचे रहने के चलते कारोबार अच्छा जा सकता है। राजधानी लखनऊ से सटे फल पट्टी क्षेत्र काकोरी, माल और मलिहाबाद में 27,000 हेक्टेयर में आम की पैदावार होती है।